IT सेक्टर के लिए खतरे की घंटी! इस वजह से बढ़ी टेंशन

punjabkesari.in Friday, Oct 28, 2022 - 02:17 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका में मंदी की आशंका के चलते यूएस आईटी कंपनियों के नतीजों पर इसका साफ असर देखने को मिल रहा है। सितंबर तिमाही उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन के कारण अल्फाबेट इंक (गूगल की पेरेंट कंपनी) और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के शेयरों में बुधवार को 9.6 प्रतिशत और 7.7 प्रतिशत की तेज गिरावट देखने को मिली। इन दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों का बिजनेस प्रभावित होने से इसका असर इंडियन आईटी कंपनियों पर भी देखने को मिल सकता है।

दरअसल भारतीय आईटी इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा बिजनेस यूरोप और यूएस जैसे देशों से ही मिलता है। टीसीएस और इंफोसिस के रेवेन्यू में उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों की हिस्सेदारी 80 फीसदी से ज्यादा है।

कई कंपनियों ने घटाया आईटी बजट

बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा झटका लगा है और मंदी की आशंका के चलते कई कंपनियां अपने आईटी बजट को कम करने के लिए मजबूर हुई हैं। इससे टेक कंपनियों के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज सीधे तौर पर प्रभावित हुई है। अमेरिका और यूरोप में खराब मैक्रोइकॉनॉमिक हालात ऑर्डर फ्लो, बिजनेस ग्रोथ और रेवेन्यू के चलते भारतीय आईटी कंपनियों का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहने की उम्मीद है और इनके शेयर की कीमतें कम रह सकती है।

2022 में आईटी इंडेक्स में आई बड़ी गिरावट

इस साल 2022 में आईटी इंडेक्स अब तक 26 फीसदी टूट गया है। वहीं, अमेरिका और यूरोप में आर्थिक मंदी और गहराने से भारतीय आईटी कंपनियों के अर्निंग ग्रोथ पर असर पड़ेगा। पिछले 6 महीनों में म्यूचुअल फंड्स ने आईटी शेयरों में अपनी हिस्सेदारी काफी कम कर दी है। मार्च के आखिरी तक म्युचुअल फंड हाउस के पास अपने इक्विटी एयूएम का 13 प्रतिशत आईटी शेयरों में था लेकिन सितंबर तक यह आंकड़ा आधे से ज्यादा कम होकर 6.17 फीसदी हो गया। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर किसी भी तिमाही में इंडियन आईटी कंपनियों की ऑर्डर बुकिंग में गिरावट आती है तो इनके वैल्युएशन में करेक्शन देखने को मिल सकता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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