RBI ने बढ़ाई गोल्ड खरीद, 5 साल में 35% बढ़ा गोल्ड रिजर्व, भारत अब 7वें स्थान पर
punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 03:03 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अक्षय तृतीया को जहां आम लोग पारंपरिक रूप से सोने की खरीद को शुभ मानते हैं, वहीं देश का केंद्रीय बैंक भी तेजी से सोने की ओर रुख कर रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक 57.5 टन सोना खरीदा है, जो 2017 के बाद दूसरा सबसे बड़ा वार्षिक खरीद आंकड़ा है।
सोने की रणनीतिक अहमियत बढ़ी
कोविड महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव (जैसे ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियां) के चलते दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) के रूप में अपना रहे हैं। RBI का गोल्ड रिजर्व अब बढ़कर मार्च 2025 तक 880 टन हो गया है, जो वित्त वर्ष 2020 में 653 टन था यानी 5 वर्षों में लगभग 35% की वृद्धि।
गोल्ड रिजर्व में भारत अब 7वें स्थान पर
भारत अब गोल्ड रिजर्व के मामले में दुनिया में 7वें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि 2015 में यह 10वें स्थान पर था। देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में भी सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 11.35% हो गई है, जो 2021 में 6.86% थी।
RBI ऐसा क्यों कर रहा है?
- डॉलर की अस्थिरता: 2025 में डॉलर इंडेक्स 110 से गिरकर 100 से नीचे आ चुका है, जिससे डॉलर पर निर्भरता कम करने की जरूरत महसूस हो रही है।
- रिजर्व डाइवर्सिफिकेशन: सोना खरीदने से RBI अपने फॉरेक्स पोर्टफोलियो को विविध बनाता है – यह वैश्विक अस्थिरताओं से बचाव में मदद करता है।
- गोल्ड वैल्यूएशन गेन: कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं और आगे और बढ़ने की उम्मीद है, जिससे रिजर्व की कुल वैल्यू में फायदा होता है।
देश को क्या फायदा?
- मजबूत फॉरेक्स रिजर्व से रुपया स्थिर रहता है और महंगाई नियंत्रण में रहती है।
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार में रुपए की विश्वसनीयता बढ़ती है, खासकर UPI जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए।
- रिजर्व से मिलने वाला डिविडेंड सरकार की आय बढ़ा सकता है।
- इससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होता है।
214 टन सोना वापस भारत लाया गया
RBI ने सितंबर 2022 के बाद से 214 टन सोना विदेश से भारत में स्थानांतरित किया है, ताकि आपात स्थितियों में सोने तक त्वरित पहुंच सुनिश्चित की जा सके।