India-Pakistan tension: भारत-पाक तनाव के बीच S&P ने जताई चिंता, दोनों देशों पर मंडराया ये खतरा
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 01:02 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से दोनों देशों के लिए ऋण जोखिम भी बढ़ेगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने गुरुवार को यह बात कही। एसएंडपी ने भारत और पाकिस्तान को सकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-' और ‘सीसीसी+' (स्थिर परिदृश्य) रेटिंग दे रखी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में उसे संप्रभु क्रेडिट रेटिंग पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं दिखता है। अगले दो से तीन सप्ताह तक तनाव के उच्च स्तर पर बने रहने की आशंका है और दोनों पक्षों की ओर से महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई की जा सकती है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बयान में कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता शुरू होने से क्षेत्रीय ऋण जोखिम बढ़ गया है, खासकर इसमें शामिल दोनों देशों के लिए...। हमारा मूलभूत तर्क यह है कि तीव्र सैन्य कार्रवाई अस्थायी है, जिससे लंबे समय तक सीमित और छिटपुट टकराव का रास्ता बनेगा।''
भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार एवं बुधवार की दरमियानी रात पाकिस्तान एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ये सैन्य हमले किए गए। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जान गई थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि उनके देश को भारत द्वारा थोपे गए युद्ध के इस कृत्य का ‘‘करारा जवाब'' देने का पूरा अधिकार है। हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ़ ने कहा कि अगर भारत स्थिति को शांत कर दे तो उनका देश तनाव ‘‘समाप्त'' करने के लिए तैयार है। एसएंडपी ने कहा कि उसका अनुमान है कि भारत मजबूत आर्थिक वृद्धि बनाए रखेगा जिससे क्रमिक राजकोषीय सुधार जारी रह सके। पाकिस्तान सरकार भी अपनी अर्थव्यवस्था की बहाली और राजकोषीय स्थिरता का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित रखेगी।
दोनों देशों के पास मौजूदा तनाव को लंबे समय तक जारी रखने का कोई आधार नजर नहीं आता। रेटिंग एजेंसी ने पिछले सप्ताह अमेरिकी व्यापार नीति पर अनिश्चितता का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था।