जस्टिस गोगोई सोशल मीडिया पर जमकर हो रहे ट्रोल, #MeToo कर रहा खूब ट्रेंड
punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2019 - 03:31 PM (IST)
नई दिल्लीः यौन शोषण के आरोपो में घिरे मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं।ट्वीटर पर #MeToo खूब ट्रेंड कर रहा है। हालांकि आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई दौरान जस्टिस रंजन गोगोई ने इन आरोपो को सिरे से खारिज कर दिया है।
What a wonderful weekend:
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) April 20, 2019
Yesterday our “moral guardians” who ran a #metoo witch-hunt sans proof told us that Torture & Sexual Harrasment of a HINDU woman was fake
Today they tell us Wire, Scroll, Caravan & Leaflet are part of the Right Wing Conspiracy
Unprincipled Charlatans
इस मामले की सुनवाई के लिए एक बैंच का गठन किया गया है उन्होंने इस तरह के आरोपों को न्यायपालिका के खिलाफ साजिश करार देते हुए न्यायपालिका को खतरे में बताया है। बता दें कि जस्टिस गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की ही एक पूर्व कर्मचारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह के आरोप न्यायपालिका की स्वायतता के खिलाफ साजिश हैं।
What? What did I just read? #metoo https://t.co/2fPe77DpDh
— Koena Mitra (@koenamitra) April 20, 2019
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर शनिवार को मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खन्ना ने की। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन पर लगे आरोप अविश्वसनीय हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता है कि मैं इतने निचले स्तर तक भी नहीं जा सकता कि ऐसे आरोपों को खारिज करूं।
Now #MeToo hits the Supreme Court of India. Allegations of sexual harassment made against the Chief Justice of India (CJI) by his former junior assistant. This may need independent investigation but why is the CJI on the bench which is hearing this case of sexual harassment? 🤦♂️
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 20, 2019
उन्होंने कहा, इस सबके पीछे कोई बड़ी ताकत है। वे मुख्य न्यायाधीश के दफ्तर को बदनाम करना चाहते हैं। जस्टिस गोगोई पर आरोप लगाने वाली पूर्व कर्मचारी ने एफिडेविट ने दो मौकों का जिक्र किया है। यह दोनों घटनाएं अक्टूबर 2018 की हैं। इससे एक दिन पहले ही जस्टिस गोगोई देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल संजीव सुधाकर कलगांवकर ने कहा, 'महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोप दुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं।'
If this case true sexual harassment case then..every other #fakecases is true one
— AhamBrahmasmi (@Zuniee3) April 20, 2019
Welcome Hon'ble CJI Ji to honarary #MeToo club pic.twitter.com/4UnQGYMiOi