Gold Silver Rate: सोने-चांदी के ताजा रेट जारी, ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर, जल्दी जानें अपने शहर का लेटेस्ट रेट

punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 09:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सर्राफा बाजार में आज सोने और चांदी की कीमतों में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखने को मिला। चौक सर्राफा एसोसिएशन ने आज खुदरा बिक्री (Retail Sale) के लिए ताज़ा भाव जारी किए जिसके अनुसार सोने की कीमतों में खासी मजबूती बनी हुई है। एसोसिएशन के महासचिव विनोद महेश्वरी द्वारा जारी सूची में 10 ग्राम सोने के अलग-अलग कैरेट और प्रति किलो चांदी के दाम घोषित किए गए हैं।

ध्यान दें: घोषित कीमतों में GST (जीएसटी), मेकिंग चार्ज (बनवाई शुल्क) और हॉलमार्क चार्ज शामिल नहीं हैं। ये अतिरिक्त शुल्क जुड़ने के बाद ग्राहक को अंतिम बिल अधिक चुकाना पड़ता है।

 

सोने के दाम: हर कैरेट में तेज़ी का रुख

लखनऊ के सर्राफा बाजार में सोने के सभी ग्रेड में उछाल दर्ज किया गया है।

सोने का कैरेट (शुद्धता) आज का भाव (प्रति 10 ग्राम) शुद्धता प्रतिशत
24 कैरेट (सबसे शुद्ध) ₹1,27,900 99.9%
22 कैरेट (ज्वेलरी हेतु) ₹1,18,000 92%
18 कैरेट (डिज़ाइनर ज्वेलरी) ₹97,500 76%

बाजार विशेषज्ञों के अनुसार 24 कैरेट सोने का ₹1,27,900 पर पहुंचना प्रीमियम सेगमेंट की खरीदारी करने वालों के लिए लागत बढ़ा रहा है। वहीं आभूषण बनाने में इस्तेमाल होने वाला 22 कैरेट सोना ₹1,18,000 पर स्थिर से लेकर तेज रुझान दिखा रहा है।

 

यह भी पढ़ें: इस देश में नहीं थम रहा तनाव, लगातार किए जा रहे अटैक में 25 लोगों की गई जान

 

चांदी की कीमतों में स्थिरता के बीच तेज़ी

सोने के साथ-साथ चांदी के भाव में भी मजबूती बनी हुई है हालांकि इसमें उतार-चढ़ाव देखा गया है।

  • चांदी ज्वेलरी का भाव: ₹1,62,500 प्रति किलोग्राम

चांदी में आई यह तेज़ी निवेशकों के लिए आकर्षक है लेकिन ज्वेलरी बनाने वालों के लिए लागत बढ़ा रही है।

 

क्यों बढ़ रहे हैं सोने-चांदी के दाम?

बाजार में लगातार बढ़ती कीमतों के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण काम कर रहे हैं:

  1. वैश्विक अनिश्चितता (Global Uncertainty): अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven) माना जाता है। विश्वव्यापी आर्थिक अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनावों के कारण निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोने में लगा रहे हैं जिससे इसके दाम बढ़ रहे हैं।

  2. त्योहारी और विवाह सीजन की मांग: नवंबर और दिसंबर में उत्तर भारत में विवाह का मौसम चरम पर होता है। इस दौरान सोने-चांदी की मांग काफी बढ़ जाती है जिससे स्थानीय बाजार में कीमतें मजबूत बनी रहती हैं।

  3. रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये का कमजोर होना आयातित सोने की लागत को बढ़ा देता है जिसका सीधा असर घरेलू कीमतों पर पड़ता है।

  4. उत्पादन और आयात लागत: हॉलमार्क की अनिवार्यता और आयात शुल्क में मामूली वृद्धि ने भी सोने की अंतिम कीमत को प्रभावित किया है।

 

ग्राहकों और व्यापारियों पर असर

गहने खरीदना अब और महंगा हो गया है। जीएसटी (3%), बनवाई (मेकिंग) शुल्क (8% से 25%) और हॉलमार्क शुल्क जुड़ने से कुल कीमत काफी बढ़ जाती है। इसलिए कई ग्राहक अब हल्के वजन या 18 कैरेट की डिज़ाइनर ज्वेलरी को प्राथमिकता दे रहे हैं। लागत बढ़ने से उनका लाभ मार्जिन प्रभावित होता है। तेज़ी के माहौल में स्टॉक रखना जोखिम भरा हो जाता है।

चौक सर्राफा एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी विनोद महेश्वरी ने ग्राहकों को सलाह दी है कि खरीदारी करते समय हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही खरीदें और बिल की पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दें जिसमें कैरेट, वजन और सभी शुल्क स्पष्ट रूप से दर्ज हों।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Rohini Oberoi

Related News