Shani Jayanti 2021: शनि सुखधाम मंदिर में 10 जून को मनाया जाएगा शनि जन्म महोत्सव

punjabkesari.in Wednesday, Jun 02, 2021 - 04:46 PM (IST)

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भगवान सूर्य एवं छाया के पुत्र यमराज के बड़े भाई शनिदेव को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। इन्हें नवग्रहों में सबसे ज्यादा प्रभावशाली ग्रह कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को हुआ था, इस बार शनि जय़ंती 10 जून को पड़ रही है। जिसके उपलक्ष्य में शनि जन्म महोत्सव 10 जून 2021 को मनाया जाएगा। प्रत्येक वर्ष ये पर्व महाराष्ट्र के शिंगनापुर के अलावा जालंधर के महा प्रसिद्ध शनि सुखधाम मंदिर में हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पावन पर्व पर शनि सुखधाम मंदिर में भव्य आयोजन किया जाता है, जिसमें श्रद्धालुओं के अलावा देश के अलग-अलग कोनों से ज्योतिष विद्वान शामिल होते हैं और यहां आने वाले भक्तों की कुंडली का विश्लेषण कर उन्हें उनकी कुंडली में पैदा समस्याओं के घरेलु उपाय बताते हैं। माना जा रहा है कि इस बार का शनि जन्मोत्सव शुभ संयोग लेकर आया है। 

जिन लोगों की कुंडली में शनि देव अपनी नीच राशि मेष में है या 3,6,8,12 भाव में हो या शनिदेव की ढैया या साढ़ेसाती आप पर चल रही है। जिसके चलते कई तरह के रोग जकड़ रहे हैं, कारोबार में रुकावट आ रही है, बेरोजगार हो रहे हैं, शादी ब्याह में देरी हो रही है तथा घर में कलह कलेश बढ़ रहा है वो इस पावन दिन यानि शनि जयंती पर शनि सुखदाम मंदिर में पहुंचकर अपने जीवन में आने वाले विघ्न बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं। 

बता दें महाराष्ट्र के शिंगनापुर में साक्षात शनिदेव शिला रूप में विराजमान हैं। जहां प्रतिदिन 50 से 60 हज़ार भक्त शनि देव के चरणों में शीश नवा कर अपने परिवार के मंगल की कामना करते हैं और इनकी ढैया और साढ़ेसाती से मुक्त होने की प्रार्थना करते हैं। शनि अमावस्या और शनि जन्म महोत्सव पर लाखों भक्त दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। यहां की प्रचलित मान्यता के अनुसार खास दिनों में शनि शीला दर्शन से ही शनि प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा शनिदेव को समर्पित एक मंदिर जालंधर में भी स्थित है जिसे शनि सुखधाम मंदिर के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि यहां प्रतिष्ठित शीला शिंगनापुर से ही बनाकर यहां विधि अनुसार स्थापित की गई है। प्रत्येक शनिवार शाम को यहां पर वैदिक मंत्रों से हवन किया जाता है एवं दशरथकृत स्तोत्र का उच्चारण करते हुए शनि शिला का अभिषेक लाल चंदन, हल्दी व पंचामृत से संपन्न होता है। इसके अलावा यहां लगने वाले मेले के दौरान विशेष तौर पर शनिदेव का पुष्प अभिषेक किया जाता है। 

- मुरली मनोहर (शनि सुखधाम मंदिर संस्थापक) 


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Content Writer

Jyoti

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