Shani Vakri 2025: 138 दिन के लिए शनि वक्री, धनु राशि पर संकट के दस्तक

punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 08:59 AM (IST)

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Shani vakri 2025: शनि देव वक्री होने जा रहे हैं। 138 दिन का पीरियड है जब शनि देव मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। अब मीन राशि में जब शनि देव वक्री हो रहे हैं, तो उसका आपके ऊपर क्या असर पड़ेगा ? वैसे तो हर प्लेनेट हर साल वक्री होता है। गुरु 120 दिन के लिए वक्री होते हैं। शनि लगभग 140 दिन के लिए वक्री होते हैं। शनि देव का यह गोचर कुछ राशियों के लिए बेहद खास होने वाला है। मीन राशि में जब शनि है तो कुछ राशियों के ऊपर साढ़ेसाती चल रही है, कुछ राशियों के ऊपर ढैया चल रही है। कुछ राशियों के लिए गोचर यह अच्छा भी है। मीन राशि में जब शनि है तो कुछ राशियों के ऊपर साढ़ेसाती चल रही है। कुछ राशियों के लिए गोचर यह अच्छा भी है। यहां बात करेंगे किन राशियों के लिए ये गोचर अशुभ होने जा रहा है।

धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए शनि का यह गोचर इसलिए अच्छा नहीं है क्योंकि धनु राशि के जातक इस समय शनि की ढैया से गुजर रहे हैं। शनि आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं, यह केंद्र का भाव है। शनि आपकी कुंडली में उस भाव से गोचर कर रहे हैं जहां से हम सुख देखते हैं। पीस ऑफ माइंड यहां से देखा जाता है, इसे सुख स्थान कहते हैं। यहां पर से शनि का गोचर का मतलब है कि दसवीं दृष्टि आपकी राशि के ऊपर जा रही है। मतलब साफ है कि आपकी राशि के ऊपर शनि का नेगेटिव इंपैक्ट पहले ही है और उस राशि उस गोचर के दौरान शनि का वक्री हो जाना यह भी अच्छा नहीं है। शनि धनु राशि के लिए अच्छा फल नहीं करते वैसे भी क्योंकि शनि उसके लिए धनु राशि के लिए मारक स्थान के स्वामी हो जाते हैं। दूसरा स्थान मारक स्थान होता है, तीसरा भाव भी अच्छा भाव नहीं होता है क्योंकि तीसरा अष्टम का अष्टम होता है तो वह भी एक तरीके से अच्छा नहीं है। तो धनु राशि क्योंकि गुरु की राशि है उसके लिए शनि वैसे ही अच्छा फल नहीं करते। जब चंद्रमा से चौथे आ जाएंगे और वहां पर वक्री अवस्था में है तो हो सकता है कि उसके सिग्निफिकेंस ज्यादा खराब हो।  तीसरी दृष्टि छठे भाव के ऊपर है तो इस दौरान किसी की गरंटी न लें। 30 से 40 साल के जो युवा हैं इस समय धनु राशि के वो मंगल की दशा में हैं। मूला नक्षत्र वाले खासतौर पर तो किसी की गारंटी मत लीजिएगा। मंगल और शनि आमने-सामने भी आएंगे, इसी वक्री अवस्था के दौरान ही आएंगे। शनि ज्यादा मूव नहीं करेंगे, मंगल मूव करता रहेगा तो मंगल शनि के सामने भी आएगा। मंगल शनि के साथ 68 एक्सिस में भी आएगा, यह एक्सिस अच्छा नहीं है। शनि यहां पर चौथे भाव में और भाव में बैठकर तीसरी दृष्टि से छठे भाव को देखेंगे। तो छठा भाव आपका रोग, ऋण और शत्रु का भाव है। किसी की फाइनेंशियलऔर लीगल गारंटी मत लीजिएगा। कोर्ट केसेस के मामले में हो सकता है कि आपको चीजें आपके फेवर में न आएं, इस दौरान मंगल के उपाय अवश्य करें। यदि आपको लगे कि कहीं कोई आपको फिजिकल समस्या आ रही है, डॉक्टर कोई एडवाइस कर रहे हैं, तो निश्चित तौर पर उसको सीरियसली लें। शनि यहां पर बैठे हैं, सीधी दृष्टि आपके कारोबार के स्थान को देंगे। कारोबार से संबंधित चीजें स्लो हो सकती हैं। हो सकता है कि नौकरी जहां पर आप करते हैं, वहां पर चीजें आपके फेवर में न जाएं। आपको आपके काम का पूरा क्रेडिट न मिल पाए। जितने भी धनु राशि के जातक हैं उनको ध्यान रखना है। अपनी एक्टिविटी का खासतौर पर अपनी फिजिकल स्थिति का जरूर ध्यान रखें। यदि कोई दिक्कत आती है तो उसको सीरियसली लिया जाए क्योंकि शनि आपके लिए राशि के मित्र तो नहीं है। छठे को प्रभावित कर रहे हैं, दशम को प्रभावित कर रहे हैं। आपकी राशि को प्रभावित कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर आपके लिए थोड़ा सा दिक्कत हो सकती है। यदि आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है।

शनि सूर्य के प्रभाव में है, अस्त है तो ऐसी स्थिति में आपको सैटर्न से संबंधित रेमेडीज़ जरूर करनी चाहिए-

शनिवार के दिन शाम के समय काली उड़द की दाल दान करें।

इसके अलावा शनि देव की आरती में भाग ले सकते हैं और शनि देव की शिला पर तेल अर्पित कर सकते हैं, यह छोटी-छोटी रेमेडीज हैं।

ओम शनि शनिश्चराय नमः का जाप करें।

नरेश कुमार
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Content Editor

Prachi Sharma

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