Shani Jayanti: शनि जयंती के दिन मंदिर नहीं जा सकते तो करें ये काम, बनेंगे सभी बिगड़े काम
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 06:37 AM (IST)

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Shani Jayanti 2025: छाया पुत्र शनि देव की कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए शनि जयंती का दिन बहुत ही उत्तम माना गया है। ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को शनिदेव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। 27 मई को शनि जयंती है। कुंडली में मौजूद शनि दोष से छुटकारा प्राप्त करने के लिए ये दिन सर्वोत्तम है। वैसे तो इस दिन मंदिर जाने का बहुत महत्व है, अगर आप किसी कारणवश नहीं जा सकते तो कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करने से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
Shani Amavasya puja: शनि जयंती के दिन सर्वप्रथम स्नानादि नित्य क्रिया से निवृत्त होकर एक लकड़ी के पाट पर काला कपड़ा बिछाकर उस पर शनि जी की फोटो या एक सुपारी रख देनी चाहिए। इसके बाद उसके दोनों ओर शुद्ध तेल का दीप तथा धूप जलाना चाहिए। शनि देव के प्रतीक रूप फोटो अथवा सुपारी को जल, दुग्ध, पंचामृत, घी, इत्र से स्नान कराकर उनको इमरती, तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य चढ़ाना चाहिए। नैवेद्य चढ़ाने से पहले उन पर अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम एवं काजल लगाकर नीले या काले फूल अर्पित करना चाहिए उसके बाद नैवेद्य, फल व ऋतु फल के संग श्रीफल अर्पित करना चाहिए। इस पंचोपचार पूजा के बाद इस मंत्र का जप कम से कम एक माला जरूर करना चाहिए।
ओम् प्रां प्रीं प्रौ स: शनये नम:॥
ओम् शं शनैश्चराय नम:।
जाप करने के बाद शनि देव की आरती करके उनको साष्टांग नमन करना चाहिए। शनि देव की पूजा करने के बाद अपने सामर्थ्यानुसार दान देना चाहिए। इस दिन पूजा-पाठ करके काला कपड़ा, काली उड़द दाल, छाता, जूता, लोहे की वस्तु का दान तथा गरीब व नि:शक्त लोगों को मनोनुकूल भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं तथा आपके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं।
भगवान शिव की तरह उनके अंशावतार बजरंग बली की साधना से भी शनि से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। कुंडली में शनि से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए शनि जयंती और बड़े मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी के चित्र अथवा मूर्ति के सामने अपनी क्षमता के अनुसार कुछ मीठा भोग चढ़ाएं जैसे मीठी पूड़ी, बूंदी के लड्डू, बेसन, गुड़, गुलाब जामुन आदि।