Ganesh Chaturthi: आज के शुभ अवसर पर करें भारत के प्रसिद्ध गणेश मंदिरों के दर्शन, पूरी होगी हर मन्नत
punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2023 - 10:40 AM (IST)

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Ganesh Chaturthi 2023: बहुत दिनों के इंतजार के बाद आज गणेश चतुर्थी का पर्व आ ही गया। आज के दिन भक्त अपने-अपने घरों में बप्पा की मूर्तियां लेकर आते हैं। भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं, उनकी पूजा करने से भक्त को बुद्धि, विवेक और यश की प्राप्ति होती है। हमारे भारत देश में बप्पा के बहुत से मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से भक्तों की सारी मनोकामनएं पूर्ण हो जाती हैं। तो चलिए आज के इस शुभ अवसर पर जानते हैं पार्वती नंदन के मंदिरों के बारे में-
Famous temples of Lord Ganesha गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिर
Siddhivinayak Temple, Mumbai सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई- सिद्धिविनायक बप्पा का सबसे प्रसिद्ध रूप है। इसमें इनकी सूंड दाईं और मुड़ी हुई है। इस तरह के मंदिर सिद्धपीठ कहलाते हैं। भगवान गणेश इस मंदिर में अपनी दोनों पत्नियों रिद्धि और सिद्धि के साथ स्थापित किए गए हैं। कहते हैं इस मंदिर में मांगी हुई मन्नत हमेशा पूरी होती है। सिद्धि विनायक मंदिर में मंगलवार के दिन होने वाली आरती बहुत प्रसिद्ध और भव्य है। देश-विदेश से लोग आरती दर्शनों के लिए आते हैं।
Dagdusheth Halwai Ganpati Temple, Pune दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर, पुणे- हर मंदिर अपनी ही एक कहानी कहता है, इसी तरह बप्पा का ये मंदिर भी बहुत खास है। यह मंदिर महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है। इस मंदिर को एक हलवाई ने बनवाया था जिसका नाम श्रीमंत दगडूशेठ था। कहा जाता है इस मंदिर से लोकमान्य गंगाधर तिलक ने गणेश उत्सव की शुरुआत की थी। तब से ही यहां गणेश चतुर्थी की बहुत धूम देखने को मिलती है।
Ganesh Tonk Temple गणेश टोक मंदिर- यह मंदिर नाथुला मार्ग पर गंगटोक शहर से सात किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर करीब 6,500 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना है। गणेश टोक का आंतरिक गर्भगृह इतना छोटा है कि किसी भी भक्त को मंदिर में भगवान गणपति तक पहुंचने के लिए रेंगना पड़ता है।
Ranthambore Ganesh ji रणथंभौर गणेश जी- रणथंभौर गणेश जी की प्रतिमा त्रिनेत्रधारी है। कहते हैं पूरी दुनिया में यही एकमात्र मंदिर है जिसमे गणेश जी त्रिनेत्र धारण किए हुए हैं। मान्यताओं के अनुसार महादेव ने गणपति जी को अपना उत्तराधिकारी मान कर उनको अपना त्रिनेत्र प्रदान किया था। गणेश चतुर्थी के पर्व पर इस मंदिर में बप्पा का स्वर्ण से श्रृंगार किया जाता है।
Moti Dungri Ganesh Temple, Jaipur मोती डूंगरी गणेश मंदिर, जयपुर- ऐसा कहा जाता है कि यह मूर्ति गुजरात क्षेत्र से मेवाड़ के मावली में लाई गई थी। 17वीं शताब्दी में सवाई माधो सिंह जी अपने ससुराल मावली आये हुए थे। वह भगवान गणेश के परम भक्त थे। मंदिर में भगवान गणेश की बड़ी मूर्ति सिन्दूर रंग की है और मूर्ति की सूंड दाहिनी ओर है जो इसे और भी सुंदर बनाती है।
Ucchi Pillayar Temple, Tiruchirappalli उच्ची पिल्लयार मंदिर, तिरुचिरापल्ली- उच्ची पिल्लयार कोइल 7वीं शताब्दी का एक हिंदू मंदिर है, जो भारत के तमिलनाडु के त्रिची के रॉकफोर्ट के शीर्ष पर स्थित भगवान गणेश को समर्पित है। पौराणिक रूप से यह चट्टान वह स्थान है, जहां श्रीरंगम में रंगनाथस्वामी देवता की स्थापना के बाद भगवान गणेश राजा विभीषण से भागे थे।