ग्रहण में भी नहीं होता ये मंदिर बंद, अन्य मंदिरों में चंद्रग्रहण के बाद भगवान को कराया स्नान
punjabkesari.in Wednesday, Nov 09, 2022 - 09:34 AM (IST)

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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स) : मंगलवार को इस वर्ष के आखिरी चंद्रग्रहण का दीदार जहां खगोल में रूचि रखने वाले लोगों ने नेहरू तारामंडल पहुंचकर किया। वहीं सनातन धर्म में आस्था रखने वालों ने चंद्रग्रहण का सूतक लगने के दौरान अपने-अपने घरों के मंदिर के कपाट को बंद कर दिया था, उन्हें उग्रह होते ही खोल दिया और विधिपूर्वक पूजा की। चंद्रग्रहण के बाद राजधानी के विभिन्न मंदिरों में अद्भूत नजारा देखने को मिला। कई लोग मंदिर का कपाट खुलने से पहले ही वहां बैठकर भजन-कीर्तन करते हुए दिखाई दिए तो कुछ हनुमान चालीसा का जाप करते मिले।
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कनॉट प्लेस के हनुमान मंदिर के महंत सुरेश शर्मा ने बताया कि सुबह ही भगवान की आरती कर सूतक काल से पहले मंदिर के पट को बंद कर दिया गया था, जिसे ग्रहण के बाद खोला गया। भगवान हनुमान की मूर्ति को गंगाजल से स्नान करवाकर उनका श्रृंगार किया गया और विधिपूर्वक आरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश खोल दिया गया। शाम से ही भक्तों की इतनी भीड़ मंदिर के बाहर देखने को मिली की कई कतारें लगवानी पड़ी।
ग्रहण में भी नहीं होता छतरपुर मंदिर बंद: छतरपुर मंदिर के मंदिर प्रभारी एन.के. सेठी ने बताया कि छतरपुर मंदिर को ग्रहण के दौरान भी कभी बंद नहीं किया जाता है। ये परंपरा बाबा नागपाल जी के समय से चली आ रही है, जिसका अभी भी पालन किया जाता है। बाबा नागपाल का कहना था कि जो मां पराम्बा पूरे जगत का कल्याण करने वाली है और दु:खों का अंत करने वाली है उनका ग्रहण भी क्या बिगाड़ सकता है। यही वजह है कि भक्तों के लिए मंदिर ग्रहण के दौरान भी खुला रहता है।
मां का श्रृंगार कर हुई आरती
झंडेवाला मंदिर के मीडिया प्रभारी नंदकिशोर सेठी ने बताया कि मंगलवार को सुबह पूजा के बाद मंदिर के द्वार को बंद कर दिया गया था जैसे ही चंद्रग्रहण समाप्त हुआ तो मां झंडेवाली को स्नान करवाकर उनका बेहद खूबसूरत श्रृंगार किया गया। जिसके बाद साढ़े 7 बजे आरती के लिए भक्तों को प्रवेश मंदिर परिसर में दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे। भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में शयन आरती तक देखने को मिली।