ज्योतिष की नजर से जानें भारत का भविष्य

punjabkesari.in Wednesday, Jan 28, 2015 - 08:18 AM (IST)

जैसे किसी व्यक्ति का भविष्य उसकी जन्म तिथि  से आंका जाता है, ठीक उसी प्रकार किसी भी देश का भविष्य उसकी स्वतंत्रता प्राप्ति की तिथि और उसके संविधान लागू होने के समय के दृष्टिगत ही आंका जाता है। भारत का भविष्यफल भी ज्योतिषीय आधार पर 15 अगस्त 1947, रात्रि 23 बजकर 59 मिनट और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी,1950, 10.19 बजे नई दिल्ली के अनुसार ही देखा जाता है। इसके अलावा  उस वर्ष के दोनों दिनों अर्थात स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की कुंडली भी साथ में बनाई जाती है। 

क्या कहता है 8 का अंक और इसका ग्रह शनि?

सर्वप्रथम हम अंकों के आधार पर देश का भविष्य फल आंकेंगे। यदि हम 15-8- 1947 के अंकों का योग करें तो 8 आता है और इस साल के गणतंत्र दिवस की तिथि 26-1-2015 को जोड़ा जाए तो भी अंक 8 ही आता है। साल 2015 का योग भी 8 ही है। इसके अलावा यदि वर्तमान प्रधानमंत्री की जन्म तिथि देखें तो 17 सितम्बर का मूलांक भी 8 ही आता है। उनकी अपनी कुंडली में लग्न का अंक भी 8 ही है। 

अंक शास्त्र में अंक 8 शनि ग्रह का परिचायक है। आजकल शनि 8 नंबर की राशि वृश्चिक में ही गोचरवश विद्यमान हैं। नए साल में महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि 21 मार्च को आरंभ होने वाले कीलक नामक विक्रमी संवत 2072 का राजा और मंत्री दोनों ही शनि हैं। 

इसके अलावा नए संवत का पहला दिन भी शनिवार ही होगा। शनि ग्रह 2015 में भारत के लिए एक निर्णायक तथा मुख्य ग्रह होंगे जो देश के भविष्य में मुख्य भूमिका निभाएंगे। इसका प्रथम उदाहरण इसी बात से मिल जाता है कि एक शक्तिशाली देश के राष्ट्र्पति भारत के गणतंत्र दिवस पर पहली बार मुख्य अतिथि होंगे जो राष्ट्र के लिए एक गर्व की बात होगी। शनि के कारण भारत के लिए 2015 का वर्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं प्रगतिदायक होगा।

शनि का संबंध देश के नेतृत्व, राजनीति, सत्ता परिवर्तन, लोहा, कैमीकल, चिकित्सा, दवाई, विवाद, बीमारी,  रियल एस्टेट, कोयला, जमीन, जायदाद, कृषि, आकाश , स्पेस आदि से होता है। नए संयोग में शनि अष्टम भाव में होने के कारण धरातल तथा आकाश दोनों से ही संबंधित होंगे । तेल, खनिज, अंडरपास, अंडर ब्रिज, मैट्रो  रेल, स्पेस, हवाई मार्ग आदि में विशेष प्रगति भारत के संदर्भ में होगी। यहां गुणात्मक फल यही रहेगा कि शनि ,मंगल की राशि में आकर आतंकवाद की घटनाओं में वृद्धि करता है। जहां यह न्याय का देवता होकर 2015 में नए नए अद्वितीय एवं असामान्य निर्णय न्यायालयों से करवाएगा वहां दुष्ट प्रकृति के लोगों को सजा भी देगा।

क्या कहती है गणतंत्र दिवस की कुंडली ?

66 वें गणतंत्र दिवस कुंडली में भी लग्न का अंक 8 ही है। वृश्चिक लग्न में शनि, शत्रुगत राशि में मंगल के साथ ही 4- 10 का संबंध बना रहा है। इसके प्रभाव से देश का सामाजिक एवं राजनीतिक वातावरण अनिश्चित बना रहेगा। नवमस्थ उच्च गुरु के कारण धन व बजट संबंधी नई योजनाएं क्रियान्वित हो सकेंगी। नदियों की सफाई और उन्हें जोडऩे, सिंचाई संबंधी योजनाएं चलेंगी। गुरु के कारण धार्मिक उन्माद, तीर्थ स्थलों का नवीनीकरण, सौंदर्यीकरण, रेल से जुड़ाव मुख्य मुद्दा रहेगा । सीमा पर तनाव, घुसपैठ, दल बदल, राजनीतिक पाॢटयों के नवीन समीकरण, प्राकृतिक प्रकोप, हवाई दुर्घटना या हाईजैकिंग जैैसे विषय देश के सामने पूरा वर्ष छाए रहेंगे। 

क्या कहती है स्वतंत्रता दिवस की कुंडली ?

इसी प्रकार 15 अगस्त 2015 को 69 वें वर्ष, कन्या लग्न की कुंडली में मुन्था पंचम भाव में बनती है। प्रशासनिक भाव पर सूर्य- मंगल-शुक्र- शनि की दृष्टियां होने से प्रधानमंत्री कई जगह विवश दिखेंगे। भ्रष्टाचार के भी कई मामले सामने आएंगे। कई महत्वपूर्ण योजनाएं विपक्ष के कारण लागू नहीं हो पाएंगी। जम्मू-कश्मीर पर पकड़ ढीली रहेगी। धारा 370 का मसला जहां का तहां रह जाएगा।  

धर्म संबंधी विवादित बयानों से सत्ता पक्ष परेशान रहेगा। आतंकवाद , जातीय हिंसा, आंतरिक  विरोध भी परेशान रखेगा। परंतु सकारात्मक बात यह रहेगी कि देश आर्थिक रूप से आगे बढ़ेगा।  अर्थव्यस्था मजबूत होगी। वित्तीय व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन आएंगे जिससे आम आदमी लाभान्वित होगा।

क्या होगा दिल्ली के चुनाव में?

दिल्ली देश का दिल है और यहां का चुनाव भी 8 अंक से ही प्रभावित है। चुनाव की तारीख 7-2-2015 का योग 8 ही आता है और दिन भी शनिवार पड़ेगा। चुनाव दंगल, दो मुख्य हस्तियों और दो मुख्य पार्टियों के मध्य ही है। किरण बेदी की कुंडली भी 8 नंबर अर्थात वृश्चिक राशि की ही है। जैसा कि सर्वविदित है कि इस राशि पर 2 नवंबर 2014 से शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण आरंभ हो गया है जो मोदी जी तथा राजनाथ सिंह जी का भी है। यह योग व्यक्ति को इस अवधि में अप्रत्याशित रूप से एक धूमकेतु की तरह चमका देता है। इसके अलावा किरण बेदी की कुंडली में लग्नेश बुध, सूर्य व मंगल के साथ भाग्य भाव में विद्यमान है।  इलैक्शन के समय इनकी सूर्य-बुध-गुरु की दशा होगी जो सत्ता दिलाने में स्मर्थ है।

दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल की कुंडली पूर्ण कालसर्प योग से ग्रस्त है जिसके कारण उनके जीवन में जो कुछ होगा अचानक होगा और  सफलता सामने आकर भी फिसलने की आशंका रहेगी ।एक बार केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी दिल्ली के चुनावों में विजयी रहेगी। भाजपा को सशक्त बहुमत मिलेगा। आप तथा कांग्रेस का जनाधार और कम होगा। आप बिखरने के कगार पर रहेगी और उम्मीदों पर उसी का झाड़ू फिर सकता है।

हर परिप्रेक्ष्य से देखा जाए तो भारत का प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगा, साख बढ़ेगी, विश्वाकाश पर छाएगा, विश्व गुरुत्व की ओर अग्रसर होगा।

                                                                                                                          —मदन गुप्ता सपाटू

 

 

 

 

 

 


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