Why Share Market Down Today: बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण, इजराइल-ईरान तनाव से लेकर फेड फैसले तक दबाव
punjabkesari.in Tuesday, Jun 17, 2025 - 03:34 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में आज 17 जून को गिरावट आई है। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 419.15 अंक या 0.51% गिरकर 81,471.89 के निचले स्तर तक पहुंच गया। वहीं निफ्टी में 136 अंक या 0.54% की गिरावट आई और यह 24,846.45 के स्तर तक फिसल गया।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 212 अंक गिरकर 81,583 और निफ्टी 93 अंक टूटा, ये 24,853 के स्तर पर बंद हुआ।
5 बड़े कारणों से लुढ़का बाजार
1. इजराइल-ईरान तनाव गहराया
इजराइल और ईरान के बीच जारी सैन्य तनाव लगातार पांचवें दिन भी बना रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के नागरिकों को तेहरान छोड़ने की चेतावनी दी है। ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान ने परमाणु समझौते पर अमेरिकी प्रस्ताव को नहीं माना, जिसका उसे परिणाम भुगतना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी आशंका जताई गई है कि अमेरिका, इजराइल का समर्थन कर सकता है, जिससे पश्चिम एशिया में हालात और बिगड़ सकते हैं। इसका असर भारतीय बाजार की धारणा पर भी पड़ा।
2. ग्लोबल मार्केट्स से मिले कमजोर संकेत
एशियाई बाजारों में कमजोरी ने भारतीय बाजार की शुरुआत को प्रभावित किया। दक्षिण कोरिया का KOSPI, शंघाई का SSE और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी फ्यूचर्स में भी कमजोरी के संकेत मिल रहे थे।
3. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.53% बढ़कर 73.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई। अमेरिका की सैन्य गतिविधियों और G7 सम्मेलन से ट्रंप की अचानक वापसी की खबर ने भी सतर्कता बढ़ाई। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी भारत जैसे आयातक देश के लिए नकारात्मक है, क्योंकि इससे महंगाई और व्यापार घाटे पर दबाव बढ़ता है।
4. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार में 2,539 करोड़ रुपए की शुद्ध बिकवाली की। इससे बाजार पर और दबाव बना, जो पहले से ही वैश्विक तनाव के चलते कमजोर था।
5. फेडरल रिजर्व के फैसले का इंतजार
अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर बैठक के नतीजों का इंतजार है। निवेशक सतर्क हैं और फेड के संकेतों के आधार पर आगे की रणनीति बना रहे हैं। चॉइस ब्रोकिंग के विश्लेषक हार्दिक मटालिया का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशक जोखिम से बच रहे हैं।