Indian Stock Market Rising: इन 5 कारणों से झूम उठा शेयर बाजार, निवेशकों में उत्साह
punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 03:31 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार, 5 दिसंबर को शानदार रिकवरी देखने को मिली। शुरुआती गिरावट के बाद बाजार अचानक मजबूती के साथ हरे निशान में लौट आया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 500 अंकों तक चढ़ गया, जबकि निफ्टी 26,200 के करीब पहुंच गया। सेंसेक्स 447 अंक की बढ़त के साथ 85,712 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 152 अंक उछल कर 26,186 के स्तर पर बंद हुआ।
यह तेजी मुख्य रूप से भारतीय रिज़र्व बैंक के ब्याज दर घटाने के फैसले से निवेशकों के सेंटीमेंट में आई मजबूती का नतीजा रही। आईटी, रियल्टी, बैंकिंग और मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली।
सुबह बाजार विदेशी निवेशकों की बिकवाली और ग्लोबल मार्केट से मिले मिले-जुले संकेतों के कारण लाल निशान में खुला था लेकिन RBI की मौद्रिक नीति घोषणा के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया।
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शेयर बाजार में तेजी के कारण
रेपो रेट में कटौती
इस तेजी के पीछे कई कारण रहे। सबसे बड़ा कारण RBI द्वारा रेपो रेट में 0.25% की कटौती था। इसके बाद रेपो रेट घटकर 5.25% पर आ गया। ब्याज दरों में कमी आने से कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ जाती है, जिससे कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे बाजार में तत्काल रौनक लौट आई।
बैंकिंग, रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में खरीदारी बढ़ी
ब्याज दरों में कटौती का सीधा असर वित्तीय शेयरों पर दिखा। बैंकिंग, NBFC और रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में खरीदारी बढ़ गई। बैंक निफ्टी और पीएसयू बैंक इंडेक्स दोनों में उछाल देखा गया, जबकि रियल्टी और ऑटो सेक्टर ने भी मजबूती दिखाई।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी बाजार को राहत दी। ब्रेंट क्रूड 0.17% गिरकर 63.15 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जिससे महंगाई पर दबाव कम होता है।
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ग्लोबल बाजारों से मजबूती के संकेत
एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों ने भी भारत के बाजार को सहारा दिया। कोरिया और चीन के प्रमुख इंडेक्स हरे निशान में थे, जिससे निवेशकों का भरोसा और बढ़ा।
इंडिया VIX में गिरावट
इंडिया VIX, जिसे मार्केट की घबराहट का सूचक माना जाता है, 2.29% की गिरावट के साथ 10.57 पर आ गया। VIX में गिरावट का मतलब है कि निवेशकों का डर कम हो रहा है और जोखिम लेने की उनकी क्षमता बढ़ रही है।
