New Discovery: धरती के अंदर छिपा था एक और महाद्वीप! वैज्ञानिकों की खोज ने हिला दी भूगोल की दुनिया

punjabkesari.in Monday, Apr 21, 2025 - 08:21 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में शामिल ग्रीनलैंड एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह है एक चौंकाने वाली वैज्ञानिक खोज। यहां की मोटी बर्फ की परत के नीचे वैज्ञानिकों ने एक माइक्रोमहाद्वीप की पहचान की है, जो लाखों-करोड़ों सालों से छिपा हुआ था। इस खोज ने भूगोल की दुनिया में तहलका मचा दिया है।

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क्या है माइक्रोमहाद्वीप?

वैज्ञानिकों ने इसे डेविस स्ट्रेट प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट नाम दिया है। इसे एक ऐसा भू-भाग माना जा रहा है जो पूरी तरह से महाद्वीप से अलग नहीं हो पाया और धरती की टेक्टोनिक हलचलों के कारण समुद्र की सतह के नीचे दबा रह गया।
 

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कैसे हुआ इस छुपे महाद्वीप का पता?

इस खोज के पीछे कोई साधारण तकनीक नहीं बल्कि अत्याधुनिक गुरुत्वाकर्षण मैपिंग और भूकंपीय इमेजिंग तकनीक है। वैज्ञानिकों ने ग्रीनलैंड और कनाडा के बीच मौजूद टेक्टोनिक रिफ्ट सिस्टम का अध्ययन किया और पाया कि यहां कुछ अनोखा छिपा हुआ है।

19 से 24 किलोमीटर की गहराई में छिपा था ये भू-भाग

शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह माइक्रोमहाद्वीप धरती की सतह से लगभग 19 से 24 किलोमीटर नीचे स्थित है। इसका ज्यादातर हिस्सा अब तक पूरी तरह से अलग नहीं हुआ था, इसलिए यह वर्षों तक समुद्र तल के नीचे दबा रहा।

नॉर्थ अटलांटिक के नक्शे में हो सकता है बड़ा बदलाव

इस खोज के बाद अब वैज्ञानिकों को नॉर्थ अटलांटिक क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना को फिर से समझने का मौका मिला है। यह खोज महज एक भूगर्भीय चमत्कार नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के इतिहास को बदलने वाली है।

करोड़ों साल पुरानी है ये संरचना

शोधकर्ताओं का मानना है कि यह महाद्वीप टेक्टोनिक प्लेटों की हलचलों के कारण लाखों साल पहले टूट गया था और एक अलग भूखंड बनकर रह गया। हालांकि यह कभी भी पूरी तरह अलग नहीं हुआ इसलिए इसे 'प्रोटो-माइक्रोकॉन्टिनेंट' कहा गया।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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