सैटेलाइट्स की ''कब्रगाह'', धरती का सबसे सुनसान कोना, जहां अंतरिक्ष से भी ज्यादा पास है जमीन!
punjabkesari.in Wednesday, Apr 16, 2025 - 11:26 AM (IST)

नेशनल डेस्क: धरती पर कई रहस्यमयी और दुर्गम जगहें हैं, जहां इंसान का पहुंचना आसान नहीं होता। लेकिन दक्षिण प्रशांत महासागर के बीचों-बीच एक ऐसी जगह है जो सबसे अलग और अनोखी है। इस जगह का नाम है प्वाइंट नीमो (Point Nemo)। यह धरती का सबसे सुनसान इलाका माना जाता है, जहां से निकटतम जमीन भी 2700 किलोमीटर दूर है। यानी यहां खड़े व्यक्ति के लिए पृथ्वी से ज्यादा पास अंतरिक्ष है।
आखिर क्या है प्वाइंट नीमो?
प्वाइंट नीमो कोई द्वीप या टापू नहीं बल्कि समंदर के बीच स्थित एक काल्पनिक स्थान है। इसका नाम लैटिन शब्द नीमो से लिया गया है, जिसका मतलब होता है "कोई नहीं"। इस जगह का नाम मशहूर लेखक ज्यूल्स वर्न के उपन्यास '20,000 लीग्स अंडर द सी' के एक किरदार कैप्टन नीमो के नाम पर रखा गया है। यह समुद्र का वो बिंदु है जो धरती की किसी भी ज़मीन से सबसे दूर है। यानी यहां से कोई भी मानव बस्ती या धरातल कम से कम 2700 किलोमीटर की दूरी पर है।
यहां से ज्यादा पास है अंतरिक्ष
इस जगह की एक सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यहां से अंतरिक्ष केवल 400 किलोमीटर दूर है। जी हां, जहां से जमीन हजारों किलोमीटर दूर है, वहीं ऊपर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) केवल 400 किलोमीटर की दूरी पर चक्कर लगा रहा होता है। ऐसे में अगर आप प्वाइंट नीमो पर खड़े हों, तो आपके सबसे नजदीकी 'पड़ोसी' धरती पर नहीं बल्कि अंतरिक्ष में होंगे – स्पेस स्टेशन में मौजूद एस्ट्रोनॉट्स।
क्यों कहा जाता है इसे सैटेलाइट्स का कब्रिस्तान?
प्वाइंट नीमो को सैटेलाइट का कब्रिस्तान भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई उपग्रह या स्पेस स्टेशन अपनी उम्र पूरी कर लेता है और उसे धरती पर गिराना होता है, तो वैज्ञानिक उसे प्वाइंट नीमो की ओर मोड़ देते हैं। यह इलाका इतना सुनसान और निर्जन है कि यहां अगर कोई सैटेलाइट या रॉकेट गिर जाए, तो किसी इंसानी जान को कोई खतरा नहीं होता। अब तक करीब 200 से ज्यादा सैटेलाइट्स और स्पेस स्टेशन्स को यहां गिराया जा चुका है। इसमें रूस का मिर स्पेस स्टेशन भी शामिल है, जिसे साल 2001 में यहीं दफनाया गया था।
इंसानों से ज्यादा मशीनों का इलाका
प्वाइंट नीमो में आम इंसान शायद ही कभी गया हो। यह इलाका वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का केंद्र जरूर रहा है, लेकिन वहां भी जाना बेहद मुश्किल है। इसका तापमान ठंडा रहता है और समुद्र की लहरें तेज होती हैं। यह जगह इतनी एकांत और निर्जन है कि यहां समुद्री जीव-जंतु भी कम ही पाए जाते हैं। यही कारण है कि इसे सैटेलाइट्स की अंतिम यात्रा के लिए सबसे मुफीद जगह माना जाता है।
क्या यहां जाना संभव है?
तकनीकी रूप से कोई भी प्वाइंट नीमो तक पहुंच सकता है, लेकिन यह आसान नहीं है। वहां तक कोई नियमित जहाज या क्रूज नहीं जाता। अगर कोई वहां जाना भी चाहे तो उसे विशेष अभियान के तहत वैज्ञानिकों की टीम के साथ जाना होगा। रिसर्च वेसल्स के जरिए ही वहां तक पहुंचा जा सकता है।
क्यों है यह खबर आज भी जरूरी?
आज की दुनिया में जहां अंतरिक्ष की खोज तेजी से बढ़ रही है, वहीं यह जानना भी जरूरी है कि इन अंतरिक्ष यानों का अंत कहां होता है। प्वाइंट नीमो इसका सटीक उदाहरण है। आने वाले वर्षों में जैसे-जैसे और उपग्रह रिटायर होंगे, वैसे-वैसे प्वाइंट नीमो का महत्व और बढ़ेगा।