ब्रह्मांड की सबसे बड़ी पहेली सुलझी! वैज्ञानिकों ने खोजा ''गायब आधा ब्रह्मांड''
punjabkesari.in Friday, Apr 18, 2025 - 09:44 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: दशकों से वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने में लगे थे कि ब्रह्मांड का लगभग आधा 'बैरोनिक मैटर' यानी वो तत्व जिससे हम और हमारी दुनिया बनी है, आखिर गया कहां। अब कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और लॉरेंस बर्कले लैब के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगा लिया है। उनका दावा है कि ये 'गायब मैटर' हाइड्रोजन गैस के रूप में गैलेक्सियों के बाहर फैले विशाल हेलो में मौजूद है।
सीधा नहीं देखा, रोशनी से खोज निकाला
वैज्ञानिकों ने कोई टेलीस्कोप नहीं बल्कि एक अनोखी ट्रिक 'स्टैकिंग' के जरिए यह खोज की। उन्होंने आकाश के पीछे की रोशनी यानी कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) पर ध्यान दिया। जब यह रोशनी अदृश्य गैस से टकराई, तो उसमें हल्का बदलाव आया। लाखों एक जैसे ऑब्जर्वेशन को एक के ऊपर एक जमाकर उन्होंने उस गैस को 'देख' लिया।
8 अरब प्रकाशवर्ष दूर मिला इशारा
रिसर्चर्स ने 1 मिलियन रेड गैलेक्सी को स्टडी किया जो धरती से करीब 8 अरब प्रकाशवर्ष दूर हैं। उन्होंने पाया कि इन गैलेक्सियों के चारों ओर हाइड्रोजन गैस के विशाल बादल मौजूद हैं। यह खोज इसलिए भी खास है क्योंकि ये गैस इतनी फैली हुई और हल्की है कि अब तक किसी भी टेलीस्कोप की नजरों में नहीं आई थी।
ब्लैक होल की भूमिका भी सामने आई
वैज्ञानिकों का मानना है कि जब किसी गैलेक्सी के बीच मौजूद ब्लैक होल एक्टिव होता है तो वो इतनी ताकतवर ऊर्जा और हवाएं छोड़ता है कि गैस को गैलेक्सी के बाहर फेंक देता है। यही गैस बाद में विशाल हाइड्रोजन हेलो का रूप ले लेती है।
गैलेक्सी की रचना को समझने में मिलेगी मदद
यह खोज बताती है कि ब्लैक होल की गतिविधि स्थायी नहीं होती, बल्कि यह रुक-रुक कर भड़कती है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि ब्रह्मांड में गैलेक्सियां कैसे बनती हैं, कैसे बढ़ती हैं और कैसे खत्म होती हैं।