माल्या, नीरव जैसे लोगों पर अब कसेगी लगाम, भगोड़ा आर्थिक अपराधी बिल को मिली मंजूरी

punjabkesari.in Friday, Jul 20, 2018 - 02:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारत की विधि प्रक्रिया से बचने से रोकने, उनकी सम्पत्ति जब्त करने और उन्हें दंडित करने के प्रावधान वाले भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को लोकसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।  यह विधेयक भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 के स्थान पर लाया गया है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह एक सुलझा हुआ विधेयक है और इसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लाया गया है। 
PunjabKesari

भगोड़ों पर मोदी सरकार सख्त 
गोयल ने कहा कि अध्यादेश लाने का मकसद यह संदेश देना था कि सरकार सख्त है और कालेधन पर प्रहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून में यह प्रावधान किया गया है कि भगोड़ा आर्थिक अपराध करने वाले भगोड़ों की देश के भीतर और बाहर सभी बेनामी संपत्तियां जब्त की जाएगी। गोयल ने कुछ सदस्यों की इस चिंता को खारिज किया कि कानून के प्रावधानों की वजह से निर्दोष लोग भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून भगोड़ों के लिए है और अगर कोई व्यक्ति निर्दोष है तो उसे भागने की क्या जरूरत है और उसे तो खुद को कानून के हवाले करना चाहिए।  
PunjabKesari
भगोड़ों पर होगी सख्त कार्रवाई 
सदन ने आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन के 21 अप्रैल 2018 को प्रख्यापित भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक अपराधी अध्यादेश 2018 का निरनुमोदन करने के सांविधिक संकल्प को खारिज कर दिया। यह विधेयक भगोड़े आर्थिक अपराधियों को भारतीय न्यायालयों की अधिकारिता से बाहर रहते हुए भारत में विधि की प्रक्रिया से बचने से रोकने के लिये, भारत में विधि के शासन की पवित्रता की रक्षा के उपाय करने का प्रवधान करता है। उल्लेखनीय है कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे कारोबारियों के बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का रिण लेने के बाद देश से फरार होने की पृष्ठभूमि में यह विधेयक लाया गया है। 
PunjabKesari

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि आर्थिक अपराधी दंडात्मक कार्यवाही प्रारंभ होने की संभावना में या कभी कभी ऐसी कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से पलायन जाते हैं। भारतीय न्यायालयों से ऐसे अपराधियों की अनुपस्थिति के कारण अनेक हानिकारक परिणाम हुए हैं। इससे दंडात्मक मामलों में जांच में बाधा उत्पन्न होती है और अदालतों का कीमती समय व्यर्थ होता है। इस समस्या का समाधान करने के लिये और भारतीय न्यायालयों की अधिकारिता से बाहर बने रहने के माध्यम से भारतीय विधिक प्रक्रिया से बचने से आर्थिक अपराधियों को हतोत्साहित करने के उपाय के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 लाया गया है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News