Aditya L1 Mission: नहीं देखी होगी सूर्य की ऐसी तस्वीरें, आदित्य एल-1 ने कैद किया नजारा
punjabkesari.in Friday, Dec 08, 2023 - 09:23 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के पहले सोलर मिशन (Aditya L1) की कामयाबी अब नजर आने लगी है। आदित्य एल1 ने सूरज की पहली फोटो भेजी है। सैटेलाइट के सोल अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT) ने सूरज की तस्वीरें कैद की हैं। भारत की स्पेस एजेंसी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ये सभी तस्वीरें 200 से 400 नैनोमीटर वेवलेंथ की है। तस्वीरों में सूरज 11 अलग-अलग रंगों में दिखाई दे रहा है।
अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट में बताया, ''SUIT पेलोड ने अल्ट्रवॉयलेट वेवलेंथ्स (तरंग दैर्ध्य) के पास सूर्य की फुल डिस्क इमेज कैप्चर की हैं। तस्वीरों में 200 से 400 NM तक की वेवलेंथ में सूर्य की पहली फुल-डिस्क रिप्रजेंटेशन शामिल है। ये तस्वीरें सूर्य के फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर के बारे में इंट्रिकेट डिटेल देती है।
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) December 8, 2023
The SUIT payload captures full-disk images of the Sun in near ultraviolet wavelengths
The images include the first-ever full-disk representations of the Sun in wavelengths ranging from 200 to 400 nm.
They provide pioneering insights into the intricate details… pic.twitter.com/YBAYJ3YkUy
SUIT पेलोड को 20 नवंबर 2023 किया गया था लॉन्च
ISRO ने बताया कि Aditya-L1 के SUIT पेलोड को 20 नवंबर 2023 को ऑन किया गया था। इस टेलिस्कोप ने सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरे क्लिक की हैं। फोटोस्फेयर से मतलब सूरज की सतह है। जबकि क्रोमोस्फेयर से मतलब सूरज की सतह और इसके बाहरी वायुमंडल कोरोना के बीच मौजूद पतली परत से है।
Aditya-L1 ने इससे पहले 6 दिसंबर को सूरज की तस्वीर ली थी। ये इमेज पहली लाइट साइंस इमेज थी। इस बार सूरज की फुल डिस्क इमेज ली गई है। यानी सूरज का जो हिस्सा पूरी तरह से सामने है, उसे कैप्चर किया गया है। इन तस्वीरों में सूरज पर मौजूद धब्बे, प्लेग और इसके शांत पड़े हिस्से देखे जा सकते हैं।
2 दिसंबर को हुई थी Aditya-L1 की लॉन्चिंग
ISRO ने सौर वायुमंडल की स्टडी के लिए 2 सितंबर को देश के पहले सोलर मिशन Aditya-L1 को लॉन्च किया था। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट व्हीकल (PSLV-C57) के जरिए इसे लॉन्च किया गया।