1 करोड़ छोड़ो… SIP से सीधे बनाओ ₹10 करोड़ का फंड! बस अपनाओ ये 7-5-3-1 ट्रिक

punjabkesari.in Friday, Apr 25, 2025 - 02:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप भी यह सपना देखते हैं कि एक दिन करोड़पति बनें और आर्थिक रूप से पूरी तरह स्वतंत्र हों तो SIP यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान आपके लिए सबसे कारगर विकल्प हो सकता है। SIP के जरिए आप हर महीने छोटी रकम निवेश करके लंबी अवधि में बड़ा फंड बना सकते हैं। खास बात ये है कि इसके लिए किसी बड़ी शुरुआत की जरूरत नहीं होती, बल्कि लगातार और रणनीतिक निवेश ही आपको बड़ा लाभ दिला सकता है।

क्या है SIP का 7-5-3-1 फॉर्मूला?

SIP के इस खास फॉर्मूले को 7-5-3-1 रूल कहते हैं। यह नियम आपको निवेश की योजना बनाने में दिशा देता है और यह समझने में मदद करता है कि कितना निवेश कर के कितने सालों में कितना फंड तैयार किया जा सकता है।

  • 7% रिटर्न मानकर चलें: शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में औसतन 10-12% रिटर्न मिलता है लेकिन SIP प्लानिंग में सुरक्षित अनुमान के लिए 7% का औसत रिटर्न मानना बेहतर होता है।

  • 5 साल की अवधि: छोटे गोल्स के लिए यह सबसे उपयुक्त समय होता है। इसमें आप ₹5,000 महीने से शुरुआत करके ₹3.5 लाख तक का फंड बना सकते हैं।

  • 3 नियमों की पालना: अनुशासन, धैर्य और नियमित निवेश – यही तीन चीजें SIP को सफल बनाती हैं।

  • 1 बड़ा लक्ष्य: लक्ष्य तय करें कि आप 10 करोड़ रुपए का फंड बनाना चाहते हैं और उसी के अनुसार निवेश की रणनीति बनाएं।

कैसे बनाएं ₹10 करोड़ का फंड?

अब बात करते हैं असली गेमचेंजर की। अगर आप ₹10 करोड़ का फंड बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लंबे समय तक निवेश और कंपाउंडिंग के जादू पर भरोसा करना होगा। नीचे एक अनुमानित गणना दी गई है:

मासिक निवेश अनुमानित रिटर्न (वार्षिक) अवधि (साल) संभावित फंड
₹50,000 12% 25 साल ₹10 करोड़ से ज्यादा
₹35,000 12% 30 साल ₹10 करोड़ से अधिक

नोट: यह आंकड़ा कंपाउंडिंग और मार्केट एवरेज रिटर्न पर आधारित है। समय और बाजार की चाल के अनुसार थोड़ा बहुत फर्क हो सकता है।

SIP की सबसे बड़ी ताकत: कंपाउंडिंग

SIP की खूबी यह है कि यह कंपाउंडिंग के सिद्धांत पर काम करता है। इसका मतलब है कि आपके द्वारा निवेश किए गए पैसे पर मिलने वाला ब्याज अगली बार भी ब्याज कमाने लगता है। इससे फंड तेजी से बढ़ता है और समय के साथ यह लाखों को करोड़ों में बदल सकता है।

SIP के फायदे एक नजर में

  • छोटी शुरुआत, बड़ा फायदा: ₹500 से भी SIP शुरू की जा सकती है

  • अनुशासन सिखाता है: हर महीने एक तय राशि निवेश करने की आदत बनती है

  • रिस्क कम करता है: मार्केट के उतार-चढ़ाव में औसत लागत पर यूनिट्स मिलती हैं

  • टैक्स बेनिफिट: ELSS जैसी SIP स्कीम्स में टैक्स छूट भी मिलती है

  • लक्ष्य आधारित निवेश: घर, गाड़ी, रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई जैसे लक्ष्यों के लिए SIP प्लान किया जा सकता है

SIP करते समय रखें ये बातें ध्यान में

  • निवेश लंबी अवधि के लिए करें

  • SIP बंद न करें चाहे मार्केट नीचे जाए

  • जरूरत पड़ने पर टॉप-अप SIP का विकल्प अपनाएं

  • एक से ज्यादा फंड्स में निवेश कर पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाई करें

  • समय-समय पर अपने निवेश की समीक्षा करें


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News