'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती...' समोसा बेचने वाले 18 वर्षीय सनी कुमार ने NEET एग्जाम किया क्रैक
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 11:20 AM (IST)
नेशनल डेस्क: नोएडा में समोसा बेचने वाले 18 वर्षीय सनी कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से NEET UG परीक्षा में 720 में से 664 अंक हासिल कर एक मिसाल कायम की है। हालांकि, सनी की सफलता की कहानी सिर्फ यहां तक सीमित नहीं है; इसके पीछे एक संघर्ष की कहानी है, जो समाज के लिए प्रेरणा बन गई है।
सनी कुमार, जो पिछले तीन साल से नोएडा के सेक्टर 12 में सड़क किनारे समोसे का ठेला लगाते हैं, दिन में लगभग पांच घंटे इस ठेले पर काम करते हैं और फिर रात में पढ़ाई में जुट जाते हैं। उनके इस संघर्षपूर्ण जीवन के बावजूद, उन्होंने NEET जैसी कठिन परीक्षा में इतने अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। सनी की कहानी को मशहूर शिक्षण प्लेटफॉर्म "फिजिक्स वाला" के संस्थापक अलख पांडे ने सोशल मीडिया पर साझा किया। अलख पांडे खुद सनी से मिलने पहुंचे और उनकी स्थिति देखकर दुख जताया कि सनी अभी भी समोसे बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं।
अलख पांडे ने अपनी पोस्ट में लिखा कि सनी की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी उन्होंने खुद उठाई है। उनका कहना है कि "फिजिक्स वाला" हर साल लगभग 100 छात्रों की मदद करता है, और अगर कोई भी व्यक्ति ऐसे बच्चों की मदद करना चाहता है, तो उनसे संपर्क कर सकता है।
Ek Sunny ko aap padhaoge ???
— Alakh Pandey (PhysicsWallah) (@PhysicswallahAP) August 29, 2024
Sunny, 18 saal ka hai, jo pichle 3 saal se Noida me Samose ka thela lagata hai, din ke kuch 300 Rs bachata hai, jisse uska ghar chalta hai,
Ek Gareeb parivar me paida hone ke baad bhi Sunny or uski Ma ne sapna dekha Doctor banne ka...
Ab Mehangi… pic.twitter.com/JqlqrW7QkH
सनी की कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है और वह समाज के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं। सवाल यह है कि क्या सनी अपने सपनों के मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले पाएंगे? और अगर ले भी लेंगे, तो उनके परिवार का क्या होगा, ठेले का काम कौन संभालेगा, और कॉलेज की फीस कैसे जुटेगी? यह केवल सनी की कहानी नहीं है, बल्कि ऐसे हजारों सनी हर साल समाज में मिलते हैं, जिन्हें अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने परिवार का भी ख्याल रखना पड़ता है।
अलख पांडे ने अपने पोस्ट के अंत में समाज से ऐसे बच्चों की मदद के लिए आगे आने की अपील की है ताकि उनकी शिक्षा का सपना अधूरा न रह जाए और वह अपने परिवार और समाज का मान बढ़ा सकें।