अब अपार्टमेंट के रखरखाव पर लगेगा 18% GST, लोगों में बढ़ी घबराहट, जानें पूरा मामला
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 08:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल ही में सरकार ने हाउसिंग सोसाइटियों से अपार्टमेंट के मासिक रखरखाव शुल्क पर 18% जीएसटी (वस्तु और सेवा कर) लगाने का आदेश दिया है। अब, जो लोग अपार्टमेंट में रहते हैं, उन्हें यह चिंता सताने लगी है कि क्या उनका अपार्टमेंट भी इस नए नियम के अंतर्गत आता है या नहीं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव लाखों अपार्टमेंट निवासियों को प्रभावित करेगा और जीएसटी का अनुपालन न करने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस नए नियम के बारे में विस्तार से।
अगर किसी अपार्टमेंट का मासिक रखरखाव शुल्क 7,500 रुपये या उससे अधिक है, तो उस पर 18% जीएसटी लागू होगा। इसके अलावा, यदि सोसायटी का कुल वार्षिक संग्रह 20 लाख रुपये से अधिक है, तो भी जीएसटी के दायरे में आ जाएगा। इसका मतलब है कि छोटे-से-छोटे अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स भी अगर इस सीमा को पार कर जाते हैं तो उन्हें भी जीएसटी का भुगतान करना होगा।
निवासियों की घबराहट
इस बदलाव के बाद अपार्टमेंट में रहने वाले लोग चिंतित हैं। व्हाट्सएप ग्रुप्स पर इस मुद्दे को लेकर बहस तेज हो गई है, और लोग बैठकें कर यह तय कर रहे हैं कि उन्हें जीएसटी के तहत पंजीकरण कराना चाहिए या नहीं। पंजीकरण के बाद, उन्हें महीने में दो रिटर्न और वार्षिक रिटर्न भरने होंगे, जो कि अतिरिक्त वित्तीय बोझ और काम का कारण बन सकता है।
कैसे पंजीकरण करें?
जो लोग सुनिश्चित नहीं हैं कि उनका अपार्टमेंट जीएसटी के दायरे में आता है या नहीं, वे स्थानीय वाणिज्यिक कर कार्यालय में जा सकते हैं। यहां उन्हें 500 रुपये का भुगतान करना होगा, जिसके बाद उन्हें अपनी स्थिति की पुष्टि करने वाला आधिकारिक पत्र प्राप्त हो जाएगा। यह पत्र उन्हें यह स्पष्ट करेगा कि उनके अपार्टमेंट पर जीएसटी लागू है या नहीं।
जीएसटी की दर और अन्य खर्च
जीएसटी की दर 18% है, जबकि कुछ लोग इसे 5% मान रहे थे। इसका मतलब है कि यदि किसी अपार्टमेंट का वार्षिक संग्रह 20 लाख रुपये तक पहुंचता है, तो उस पर सालाना 3.6 लाख रुपये का जीएसटी लगेगा। इसके अलावा, अनुपालन प्रक्रिया में चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद के लिए 1-2 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च हो सकते हैं, जिससे यह निवेशकों और निवासियों के लिए महंगा हो सकता है।
कर्नाटका में इसके प्रभाव का अनुमान
विशेषज्ञों के अनुसार, कर्नाटका में ही करीब 90 लाख लोग अपार्टमेंट में रहते हैं, जिनमें से अधिकांश को अब जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा। इसमें बेंगलुरु, मैसूरु, मंगलुरु, हुबली और बेलगावी जैसे शहर शामिल हैं। अगर इस नियम का पालन किया जाता है तो इन शहरों में रहने वाले लाखों लोग प्रभावित होंगे।