झड़प, लाठीचार्ज, बवाल...देखें किस तरह जंग का मैदान बना JNU

punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2019 - 11:08 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की हॉस्टल फीस वृद्धि और हॉस्टल टाइमिंग हटाने को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी जंग सोमवार को संसद मार्च तक जा पहुंची। हजारों छात्रों ने छात्रावास शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लिए जाने की मांग को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद भवन की तरफ मार्च करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। मामला उस समय बिगड़ गया जब पुलिस और छात्रों के बीच हिंसक झड़प हो गई। 

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दरअसल पुलिस द्वारा मार्च में रोके जाने पर विद्यार्थियों की संख्या बढऩे लगी और वो बैरिकेडिंग को कूद कर बाहर जाने की कोशिश करने लगे। इस क्रम में पुलिस ने शुरुआती रूप से करीब 300 विद्यार्थियों को हिरासत में ले लिया जिनमें से अधिकतर छात्र नेता शामिल थे। बाकी बचे विद्यार्थी आसपास की गलियों में छिपते छिपाते आउटर रिंग रोड तक आ गए औए समूह में शामिल होकर संसद की ओर मार्च करने लगे। मार्च कर रहे विद्यार्थी सवा तीन बजे तक जोर बाग मेट्रो स्टेशन तक पहुंच चुके थे। 

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वहां पर मौजूद भारी पुलिस बल ने पहले विद्यार्थियों को आगे नहीं बढऩे की चेतावनी दी लेकिन जब विद्यार्थियों ने चेतावनी को अनसुना किया तो पुलिस की ओर से लाठीजार्च किया गया जिसमें कई विद्यार्थी घायल हो गए। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के मुताबिक अभी तक उनके पास करीब 40-50 छात्र चेकअप के लिए आए हैं। वहीं, कुछ छात्र को इलाज करने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि कुछ लोग अभी तक अस्पताल में एडमिट हैं। 

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वहीं पुलिस द्वारा हिरासत में लिए छात्रों के विरोध में विद्यार्थी सड़​कों पर बैठ गए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां और बैनर ले रखे थे। इतना ही नहीं छात्रों ने प्रदर्शन और पुलिस के कथित लाठीचार्ज में खुद को लगी चोटों की तस्वीरें टि्वटर पर साझा कीं, जिसके साथ ही माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर हैशटैग ‘इमरजेंसी इन जेएनयू' ट्रेंड करने लगा। 

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vasudha

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