कमजोर रुपया बढ़ाएगा परेशानी! लिपस्टिक से लेकर कार तक होगी महंगी, जानिए वजह
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 03:59 PM (IST)
नेशनल डेस्क : डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर देखने को मिल रहा है। यह असर सीधे तौर पर कन्जुमर इलेक्ट्रॉनिक्स, कार कंपनियों, फैशन और ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियों की लागत पर भी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लिपस्टिक से लेकर कार तक सभी चीज़ों की कीमतें बढ़ सकती हैं। विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए, जिनके कारोबार में इंपोर्ट का बड़ा हिस्सा है, लागत में 3 से 7 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप कंपनियां इस बढ़ी हुई लागत की भरपाई उत्पादों की कीमतें बढ़ाकर करेंगी।
डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के पार
डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 90 रुपये के पार पहुंच गया है। यही कारण है कि कई कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी प्रोडक्ट्स और कारों की कीमतों में इजाफा करने की योजना बना रही हैं। हाल ही में GST कटौती के बाद इन सेक्टर्स में बिक्री में तेजी देखी गई थी, लेकिन अब इसका फायदा उल्टा पड़ सकता है। विशेष रूप से वे कंपनियां, जिनका ज़्यादातर सामान या पार्ट्स बाहर से आता है, सबसे अधिक प्रभावित होंगी। कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के बावजूद कई कंपनियां कीमतें बढ़ाने से इसलिए बच रही थीं क्योंकि GST कट के बाद सरकार द्वारा कीमत बढ़ाने पर सवाल उठाए जा सकते थे।
स्मार्टफोन और लैपटॉप महंगे होंगे
स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी और बड़े होम अप्लायंसेज़ बनाने वाली कंपनियों ने स्पष्ट कर दिया है कि दिसंबर से जनवरी के बीच उनके उत्पादों की कीमतें 3 से 7% तक बढ़ सकती हैं। कमजोर रुपए की वजह से मेमोरी चिप्स, कॉपर और अन्य पार्ट्स महंगे हो गए हैं। इन प्रोडक्ट्स में 30 से 70 प्रतिशत तक का खर्च इम्पोर्टेड सामान पर ही निर्भर करता है।
Super Plastronics के CEO अवनीत सिंह मारवाह ने कहा कि GST कट का फायदा रुपया गिरने और पार्ट्स महंगे होने की वजह से पूरी तरह खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मेमोरी चिप्स के दाम पिछले चार महीनों में छह गुना तक बढ़ गए हैं। उनका मानना है कि मांग पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। इंडस्ट्री के अधिकारियों के अनुसार, खर्चों का अनुमान तब लगाया गया था जब रुपया 85-86 प्रति डॉलर था, लेकिन अब 90 के पार जाने से पूरी गणना बदल गई है। कई कंपनियों ने अक्टूबर से बढ़ते खर्चों के बावजूद कीमतें नहीं बढ़ाईं क्योंकि उनके ऊपर GST कट के बाद मुनाफा कमाने का आरोप लग सकता था।
अब कंपनियां रिटेलर्स को कीमत बढ़ाने की जानकारी देना शुरू कर चुकी हैं। उदाहरण के तौर पर, Havells अपने LED TV के दाम 3% बढ़ाएगी, Super Plastronics 7-10% और Godrej Appliances रेफ्रिजरेटर व AC के दाम जनवरी से 5-7% बढ़ाएगी। जनवरी से ऊर्जा दक्षता रेटिंग भी सख्त हो रही है, जिससे दबाव और बढ़ेगा। Godrej Appliances के बिज़नेस हेड कमल नंदी ने कहा कि जनवरी में कीमतें बढ़ाना मजबूरी होगी। यदि रुपया और गिरता है तो मार्च तिमाही में कीमतों में और बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। GST कट का पूरा फायदा इस स्थिति में खत्म हो जाएगा।
ब्यूटी और ऑटो सेक्टर पर असर
भारत के तेजी से बढ़ते ब्यूटी मार्केट पर भी डॉलर के मुकाबले कमजोर रुपया सीधे प्रभाव डाल सकता है। Shiseido, MAC, Bobbi Brown, Clinique और The Body Shop जैसे ब्रांड्स का अधिकतर माल इम्पोर्टेड होता है। इसके अलावा कॉस्मेटिक्स पर GST 18% ही है, इसलिए कोई अतिरिक्त राहत नहीं है। Shoppers Stop Beauty के CEO बिजू कासिम ने कहा कि कमजोर रुपया हमारे इम्पोर्टेड ब्यूटी प्रोडक्ट्स की लागत बढ़ा देता है, जिससे मार्जिन पर दबाव आता है। कुछ हाई-एंड प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाना भविष्य में मजबूरी बन सकती हैं।
वाहन कंपनियों पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है। दोपहिया और कार कंपनियों ने GST कट का फायदा देकर कीमतें कम की थीं, जिससे अक्टूबर और नवंबर में बिक्री में तेजी आई थी। लेकिन अब रुपया गिरने से यह फायदा खत्म हो सकता है।
कारों की कीमतों में भी इजाफा संभव
Mercedes-Benz India के MD संतोष अय्यर ने कहा कि लक्ज़री कारों की कीमतें बढ़ सकती हैं। वे 26 जनवरी से कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। Audi India भी इसी दिशा में सोच रही है, हालांकि अभी निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार ने छोटे वाहनों और टू-व्हीलर्स पर GST 28-31% से घटाकर 18% किया था, जिससे कीमतें लगभग 9% तक कम हुई थीं और बिक्री में तेजी आई थी। लेकिन डॉलर-रुपया की उथल-पुथल इस ग्रोथ को फिर से धीमा कर सकती है।
