युवाओं के बीच तेजी से बढ़ रहा है इस खास शराब का क्रेज! आंकड़े देखकर हो जाएंगे हैरान, जानें वजह
punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 11:39 AM (IST)
नेशनल डेस्क: दुनिया जहां धीरे-धीरे नशामुक्ति की दिशा में कदम बढ़ा रही है, वहीं भारत में शराब की खपत लगातार बढ़ती दिख रही है। सामाजिक व्यवहार, आर्थिक स्थिति और लाइफस्टाइल में तेज बदलाव ने लोगों के ड्रिंकिंग पैटर्न को पूरी तरह बदल दिया है। पहले जहां शराब का जिक्र बंद कमरों तक सीमित था, अब यह खुले तौर पर सामाजिक बातचीत और पार्टियों का आम हिस्सा बन चुका है।
प्रीमियम ड्रिंक्स की बढ़ती मांग
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि भारत में शराब पीने को लेकर पारंपरिक झिझक तेजी से खत्म हो रही है। फ्रांसीसी कंपनी पर्नोड रिकार्ड इंडिया के सीईओ जीन टूबौल का कहना है कि बढ़ती आय और बदलती पसंद ने भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती शराब से हटाकर महंगे और प्रीमियम ब्रांड्स की तरफ मोड़ दिया है। अब युवा “क्वालिटी” पर ज्यादा खर्च करने में पीछे नहीं रह रहे।
भारत बना ग्लोबल शराब कंपनियों का नया ‘ग्रोथ इंजन’
पिछले वित्तीय वर्ष में पर्नोड रिकार्ड की वैश्विक बिक्री में भारत का योगदान 13% तक पहुंच गया। यह इसलिए भी खास है क्योंकि अब भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है और प्रीमियम शराब बाजार में अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
टूबौल के अनुसार
हर साल भारत में करीब 2 करोड़ युवा कानूनी पीने की उम्र में प्रवेश करते हैं, जिससे यहां का बाजार बेहद तेजी से विस्तार कर रहा है। कंपनियां अब लो-एंड शराब की बजाय प्रीमियम ड्रिंक्स पर पूरा फोकस कर रही हैं, क्योंकि भारतीय उपभोक्ता “बेहतर अनुभव” के लिए जेब खोलने को तैयार हैं।
बाकी दुनिया का ट्रेंड उल्टा
जहां यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों में नई पीढ़ी शराब से दूरी बना रही है और “सोबर लाइफस्टाइल” को अपनाने की ओर बढ़ रही है, वहीं भारत का रुझान इससे बिल्कुल अलग है।
रिपोर्ट्स के अनुसार
2024 से 2029 के बीच भारत में शराब की खपत में लगभग 357 मिलियन लीटर की बढ़ोतरी का अनुमान है।
इससे भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता अल्कोहल बाजार बनता जा रहा है।
आंकड़ों में बढ़ता भारत
➤ 2020 में प्रति व्यक्ति शराब खपत: 3.1 लीटर
➤ 2023 में बढ़कर: 3.2 लीटर
➤ 2028 तक अनुमान: 3.4 लीटर
➤ यह बढ़ोतरी बताती है कि भारत में शराब की स्वीकार्यता अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार
भारत का शराब बाजार आज 60 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, और आने वाले वर्षों में इसमें और बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है।
