आपको ट्रेन में सफर के दौरान होने वाली अलग अलग परेशानियों को दूर करेगा यह व्यक्ति

punjabkesari.in Sunday, Mar 04, 2018 - 04:05 PM (IST)

नेशनल डेंस्क: ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को होने वाली अलग अलग सभी परेशानियों का हल अब केवल एक ही आदमी के पास होगा। जिसे सर्विस कैप्टन के नाम से जाना जाएगा। पिछले साल दिसंबर में रेल मंत्री पियूष गोयल ने जोनल हेड्स के साथ मीटिंग कर रेलवे कमेटी से सुझाव मांगे थे। रेलवे कमेटी ने सर्विस कैप्टन डेप्यूट करने समेत अन्य सुझाव रेलवे बोर्ड को दिए हैं। यात्रियों को यह सुविधा रेलवे कमेटी के सुझावों पर रेलवे बोर्ड की मुहर लगने के बाद ही मिलनी शुरू होगी।

सर्विस कैप्टन को दूर से पहचान लेंगे यात्री
रेलवे कमेटी ने रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि सर्विस कैप्टन को अलग तरह की यूनिफॉर्म दी जाए। जिससे यात्री आसानी से उसे पहचान सकें। वहीं, उसे हैंड टूल और टूल किट भी दी जाए। इसके अलावा कमेटी ने कहा हैँ कि सर्विस कैप्टन को अच्छे से ट्रेनिंग दी जाए। इसके लिए एक ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया जाए।
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सिंगल विंडो सिस्टम का हिस्सा
रेलवे कमेटी ने रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे यात्रियों को यात्रा के दौरान कई सर्विसेज दे रहा है। अभी यात्रियों को हर सर्विस के लिए अलग व्यक्ति से संपर्क करना होता है। ट्रेन में सिंगल इंचार्ज होने पर यात्रियों को सहूलियत होगी। सिंगल सुपरवाइजर ट्रेन में दी जा रही सभी सर्विसेज से जुड़े लोगों से खुद को-ऑर्डिनेट करेगा। ऐसे में लोगों को अलग-अलग सर्विसेज से जुड़ी परेशानियों का सिंगल विंडो पर हल मिल जाएगा।

इन समस्याओं का होगा समाधान
सफर के दौरान सामान खोने, बर्थ, विंडो, दरवाजों को लेकर परेशानी या कोच में कॉकरोच, चूहे होने पर आप सविर्स कैप्टन से शिकायत कर सकेंगे। इसके अलावा सर्विस कैप्टन की जिम्मेदारी होगी कि वह ट्रेन की साफ-सफाई चेक करे। मरम्मत या ऑपरेशन में कोई परेशानी है, तो अलग-अलग डिपार्टमेंट से को-आडिनेट कर दूर कराए। रेलवे कमेटी की माने तो सर्विस कैप्टन सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में डेप्यूट किए जाने का सुझाव दिया गया है। इसके लिए सभी डिवीजन ऑन बोर्ड सुपरवाजर्स का एक पूल बनाएं जाने की सलाह भी दी गई है। डिवीजन के सीनियर अफसरों की कमेटी ने ऐसे कर्मचारी को सर्विस कैंप्टन नियुक्त करने की सलाह दी है जो जूनियर इंजीनियर लेवल या मास्टर क्राफ्टसमैन हो। इसके अलावा उन्होंने कम से कम दो साल की सर्विस पूरी कर ली हो। रेलवे शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट की तर्ज पर 4 जोन की 10 ट्रेनों में सर्विस कैप्टन डेप्यूट करने को कहा गया है।


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