दिल्ली में 50% तक गिरे सैकेंड हैंड गाडियों के दाम, परेशान हुए डीलर्स

punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 12:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर लगी पाबंदियों के कारण सेकंड हैंड कारों के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। उद्योग संगठन Chamber of Trade and Industry (CTI) के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में पुरानी कारों की कीमतों में 40 से 50 % तक की कमी आई है। CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि दिल्ली सरकार के नियमों और कोर्ट के आदेशों का असर पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर बहुत बुरा पड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि राजधानी में करीब 60 लाख पुराने वाहन इन पाबंदियों से प्रभावित हुए हैं।

प्रतिबंध फिलहाल टला, पर अनिश्चितता कायम

दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों पर लागू होने वाले प्रतिबंध को फिलहाल अस्थायी रूप से टाल दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पर्यावरण मंत्री के एक पत्र के बाद यह फैसला लिया है। यह राहत सिर्फ अभी के लिए है, क्योंकि 'एंड ऑफ लाइफ' (EOL) वाहनों पर प्रतिबंध की कार्रवाई पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इस फैसले के बाद भी जब्त किए गए वाहनों के भविष्य को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। सरकार ने थोड़ी राहत तो दी है, लेकिन पुराने वाहन मालिकों और कारोबारियों के लिए स्थिति अभी भी पूरी तरह साफ नहीं है।

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सेकंड हैंड कारों की कीमतें आधी हुई

दिल्ली में नियमों के अनुसार 15 साल से पुराने पेट्रोल और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने इन पुराने वाहनों में ईंधन भरने पर भी रोक लगा दी थी। ऐसे में 1 जुलाई से ये वाहन सड़कों पर नहीं उतर सकते थे। जब व्यापारियों और आम लोगों ने इसका विरोध किया, तो सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से इन पाबंदियों को हटाने की अपील की।

इसके बावजूद, कारोबारी अभी भी परेशान हैं। खुद एक वाहन व्यापारी गोयल का कहना है कि अब उन्हें अपनी पुरानी कारें एक-चौथाई कीमत में बेचनी पड़ रही हैं। उदाहरण के लिए, जो लग्जरी सेकंड हैंड कारें पहले 6-7 लाख रुपये में बिकती थीं, अब वे 4-5 लाख रुपये में भी मुश्किल से बिक पा रही हैं।

कारोबारियों को भारी नुकसान

दिल्ली की पुरानी गाड़ियां आमतौर पर पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल जैसे दूसरे राज्यों में बेची जाती हैं। लेकिन अब दूसरे राज्यों के खरीदार भी ज्यादा मोलभाव कर रहे हैं क्योंकि उन्हें दिल्ली की स्थिति की पूरी जानकारी है। गोयल ने यह भी बताया कि करोल बाग, प्रीत विहार, पीतमपुरा और मोती नगर जैसे इलाकों में 1000 से ज्यादा कारोबारी सेकंड हैंड गाड़ियों के व्यापार से जुड़े हैं। अब इन व्यापारियों को भारी आर्थिक घाटा उठाना पड़ रहा है।

NOC लेने में भी आ रही दिक्कतें

इसके अलावा, कारोबारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेने में भी काफी दिक्कतें आ रही हैं। यह सर्टिफिकेट तब जरूरी होता है जब दिल्ली से पुरानी गाड़ियों को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करना होता है। पहले यह प्रक्रिया आसान थी, लेकिन अब इसमें देरी और तकनीकी अड़चनें बढ़ गई हैं।

कुल मिलाकर पुराने वाहनों पर लगी पाबंदियों ने दिल्ली के सेकंड हैंड कार बाजार को एक गंभीर संकट में डाल दिया है। कारोबारी सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उन्हें हो रहे नुकसान से कुछ हद तक राहत मिल सके।

 

 


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News Editor

Radhika

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