जब चुनौतियों से निपटने के लिए देश पश्चिम की ओर देखता था, लेकिन आज दुनिया भारत की ओर देख रही: ओम बिरला
punjabkesari.in Saturday, Apr 08, 2023 - 07:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि भारत ने जो भी परिवर्तन किये, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत किए और आज दुनिया में भारत की पहचान लोकतंत्र की जननी के रूप में है। मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 19वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि बिरला ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे अधिक विविधता वाला देश है। सभी धर्मों का पालन करने वाले लोग भारत में रहते हैं।”
लेकिन अब दुनिया भारत की ओर देख रही
उन्होंने कहा, “इसलिए संविधान बनाते समय हमारे मनीषियों ने कहा था कि दुनिया में संविधान और लोकतंत्र के लिहाज से भारत की एक अलग पहचान होगी। एक समय था जब चुनौतियों से निपटने के लिए देश पश्चिम की ओर देखता था। लेकिन अब दुनिया भारत की ओर देख रही है।” उन्होंने कहा कि भारत के कैंपस चाहे वे आईआईटी हों, चाहे ट्रिपल आईटी हो, चाहे एमएनएनआईटी हो, इंजीनियरिंग कॉलेज हो, मेडिकल कॉलेज हो, विज्ञान प्रौद्योगिकी के अनुसंधान केंद्र हों या सामान्य विश्वविद्यालय हो, नयी शिक्षा पद्धति के कारण ये विश्वविद्यालय हर चुनौतियों के समाधान के केंद्र बनेंगे।
बिरला ने कहा, “हम केवल भौतिक संसाधानों के आधार पर देश नहीं चला रहे। हम अध्यात्मिक, संस्कृति, सामयिकता और वसुदैव कुटुंबकम की संस्कृति के आधार पर देश चला रहे हैं। इससे दुनिया में हमारी एक अलग पहचान बनने लगी है।” कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर विनोद के सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देश के 20 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, लाखों लोग मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन हम कई लोगों को गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
भ्रष्टाचार इस रास्ते में एक बड़ी बाधा
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए नहीं है कि हमारे पास पैसा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार इस रास्ते में एक बड़ी बाधा है। मैं आपसे भ्रष्टाचार समाप्त करने का अनुरोध करता हूं। यह समय ईमानदारी से काम करने का संकल्प लेने का है।'' कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक प्रोफेसर रमा शंकर वर्मा ने की। इस अवसर पर फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल भी उपस्थित थीं। इस दीक्षांत समारोह में 918 बीटेक, 436 एमटेक, 99 एमसीए, 45 एमबीए, 22 एमएससी और 82 पीएचडी डिग्रियां प्रदान की गईं।