IPS परीक्षा के दौरान इन पर आया था हिमांशु रॉय का दिल, बेहद दिलचस्प है लव स्टोरी

punjabkesari.in Saturday, May 12, 2018 - 02:48 PM (IST)

नई दिल्ली: 'मेरे होते हुए मुंबई को हाथ लगाना मुश्किल ही नहीं  नामुमकिन है' कहने वाला एक जांबाज आईपीएस ऑफिसर, जिसके नाम से जेल में बंद आतंकवादी भी कांपने लगता था। जिसने कभी किसी से हार नहीं मानी उस हिम्मतवाले ऑफिसर हिमांशु रॉय ने ब्लड कैंसर के आगे घुटने टेक दिए।  कल बंद कमरे में हिमांशु ने खुद को गोली मारकर आपने आपको खत्म कर दिया। 55 साल के हिमांशु रॉय ने मुंबई का जेडे हत्याकांड़ हो या आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग या फिर लैला खान डबल मर्डर केस को सुलझाया। उन्होंने अपने दबंग अंदाज से सभी को कायल बना दिया था। हिमांशु रॉय  बाहर से जितना सख्त दिखते थे, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही दिलचस्प थी। हिमांशु रॉय ने मुंबई के सेंट जैवियर कॉलेज से पढ़ाई की थी। उनके पिता कोलाबा में डॉक्टर थे। हिमांशु ने 12वीं पास करने के बाद मेडिसिन में ग्रेजुएशन करने की सोची हालांकि बाद में उन्होंने सीए की पढ़ाई शुरू कर दी लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने उसे भी छोड़ दिया। सीए की पढ़ाई छोड़ने के दो साल बाद उन्होंने आईपीएस की परीक्षा दी और पुलिस ऑफिसर बन गए। 

जब पेपर देने गए हिमांशु को परीक्षा के दौरान हुआ प्यार 
साल 1990 में जब हिमांशु आईपीएस की परीक्षा देने के लिए गए तब वहां उनकी मुलाकात भावना से हुई। भावना मशहूर लेखक अमीश त्रिपाठी की बहन हैं उस वक्त परीक्षा वही ले रही थी। भावना मशहूर लेखक अमीश त्रिपाठी की बहन हैं। दोनों ने दो साल बाद 1992 में शादी कर ली। शादी के बाद हिमांशु के करियर में बदलाव आया और उनके करियर ने रफ्तार पकड़ी ली। हालांकि बाद में उन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ दी औप एचआईवी पीड़ितों की मदद सबित अन्य सामाजिक कार्यों में खुद को  व्यस्त कर लिया। 

एकलौते ऐसे अधिकारी जिन्हें मिली जेड प्लस सुरक्षा 
रॉय ने महाराष्ट्र पुलिस के प्रतिष्ठित विभागों में सेवाएं दी। वह एटीएस प्रमुख रहे थे। वह 2012-2014 के दौरान संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) थे। वह कई अहम मामलों को सुलझाने में शामिल रहे थे। इनमें पत्रकार जे डे, अदाकारा लैला खान और कानून स्नातक पल्लवी पुरकायस्थ की हत्या के मामले शामिल थे। वह 26/11 मुम्बई हमलों से पहले रेकी करने में संलिप्त रहे लश्कर आतंकी डेविड हेडली से जुड़े सुराग हासिल करने वाली टीम में भी रहे थे। उन्होंने आईपीएल सट्टेबाजी कांड की जांच का नेतृत्व भी किया था। इसके बाद उनका तबादला एटीएस में हो गया। इस दस्ते का प्रमुख रहने के दौरान बांद्रा-कुर्ला इलाके में एक अमेरिकी स्कूल को विस्फोट से उड़ाने की साजिश रचने को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को उन्होंने गिरफ्तार किया था। हिमांशु राय और राकेश मारिया को साल 2014 में जेड प्लस सुरक्षा मिली थी।


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Anil dev

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