‘युद्धक'' श्रेणी के उपकरणों का स्वदेशी उत्पादन लगभग 45 प्रतिशतः नौसेना अधिकारी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 23, 2020 - 11:18 PM (IST)

नई दिल्लीः ‘‘युद्धक'' श्रेणी के उपकरणों का स्वदेशी उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत है और यह सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए एक बड़ा अवसर है जो उनके विनिर्माण को बढ़ा सकता है। ‘‘युद्धक'' श्रेणी के उपकरणों में हथियार और राडार शामिल हैं। यह बात नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कही। रियर एडमिरल एस एन अलमंडा ने एक वेबिनार में कहा, ‘‘भारतीय शिपयार्ड में पहले से ही 130 जहाज और पनडुब्बियां हैं। साथ ही हमारी गोदी में निर्माण के लिए 46 जहाजों और पनडुब्बियों का आर्डर दे दिया गया है।

यह गर्व की बात है कि हमारे हितधारकों की मदद से ‘‘फ्लोट'' श्रेणी का लगभग 90 प्रतिशत उपकरण और "मूव" श्रेणी के 65 प्रतिशत उपकरण का स्वदेशी उत्पादन है।'' ‘‘फ्लोट'' श्रेणी में जहाज के पेटे की संरचना और फिटिंग से जुड़ी सभी सामग्री, उपकरण और प्रणालियां शामिल होती हैं। "मूव" श्रेणी के उपकरणों में प्रचालन प्रणाली, ऊर्जा उत्पादन करने वाले टरबाइन इंजन, अग्निशमन प्रणाली शामिल होती है। ‘‘युद्धक'' या ‘‘फाइट'' श्रेणी के उपकरणों में पोत पर लगने वाले सभी हथियार और सेंसर आते हैं जिससे पोत की युद्धक क्षमता प्रभावित होती है।

अलमांडा ने कहा, "युद्ध" श्रेणी में हमारा कुल स्वदेशी उत्पादन वर्तमान में लगभग 45 प्रतिशत के करीब है जिसमें हथियार, सेंसर, रडार और उन्नत स्टील्थ तकनीक शामिल है।'' उन्होंने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित ‘भारतीय नौसेना की स्वदेशीकरण और आधुनिकीकरण आवश्यकताएं' शीर्षक एक वेबिनार में कहा, ‘‘वास्तव में मैं इस प्रतिशत को एमएसएमई के लिए नौसेना में उनके योगदान को बढ़ाने के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देखता हूं।''

रियर एडमिरल ने कहा, ‘‘इसे प्राप्त करने के लिए हमारे एमएसएमई को विभिन्न विकल्पों पर काम करना होगा जिसमें बड़े पैमाने वाली इकाइयों के साथ सहयोग करना और डीआरडीओ के साथ सम्पर्क करना शामिल होगा।'' कमोडोर आर के कंबोज ने वेबिनार में कहा कि विमान लैंडिंग सिस्टम, नाइट विजन उपकरण, मल्टी फंक्शन फेज्ड आर्रे रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल जैसे उपकरणों के लिए स्वदेशीकरण आवश्यक है।

 


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Yaspal

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