Radhika Yadav Murder: राधिका यादव की हत्या से नीरज चोपड़ा हुए दुखी, कहा - 'परिवारों को महिला....
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 07:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की मौत की खबर ने खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। 25 वर्षीय राधिका की 10 जुलाई (गुरुवार) को गुरुग्राम स्थित उनके घर में उनके पिता द्वारा कथित रूप से गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना पर अब भारतीय स्टार भालाफेंक एथलीट नीरज चोपड़ा का बयान आया है।
नीरज चोपड़ा ने जताया शोक
एनडीटीवी के शो में पहुंचे नीरज चोपड़ा ने राधिका यादव की मौत को बेहद दुखद बताते हुए कहा, "मैं इस बारे में पहले भी कुछ लोगों से बात कर चुका हूँ। हमारे पास हरियाणा की महिला एथलीटों के कुछ बेहतरीन उदाहरण हैं जिन्होंने देश के लिए अद्भुत काम किया है। परिवारों में एक-दूसरे का साथ होना चाहिए और जो महिला खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, उन्हें आदर्श मानना चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए।"
पिता को रील बनाने से थी आपत्ति, पुलिस जांच में खुलासा
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, राधिका के पिता उनकी सोशल मीडिया पर रील बनाने की आदत से नाराज़ थे और उन्हें डर था कि इससे परिवार की बदनामी हो रही है। वहीं सेक्टर 56 थाने के एसएचओ ने बताया, "हमें अस्पताल से सूचना मिली कि एक 25 वर्षीय महिला की मौत हो गई है। उसे तीन गोलियां लगी थीं।" उन्होंने आगे कहा, "हम महिला के चाचा से मिले, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। फिर हम घटनास्थल पर गए, जहां हमें पता चला कि महिला के पिता ने ही गोली चलाई थी।"
चोट के बाद बनीं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर
राधिका यादव ने अपने करियर में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर टेनिस में कई पदक और पुरस्कार जीते थे। लेकिन दो साल पहले लगी एक गंभीर चोट की वजह से उन्हें प्रतिस्पर्धी खेलों से दूरी बनानी पड़ी। इसके बाद उन्होंने अपना रुझान सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बनने की ओर मोड़ा और इंस्टाग्राम पर सक्रिय हो गईं। वह अक्सर अपने रील्स और वीडियो के जरिए फैन्स के साथ जुड़ती थीं, लेकिन यही उनकी जान का कारण बन गया।
मामला अब पुलिस जांच के अधीन
पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया है और मामले की गहराई से जांच की जा रही है। यह घटना न केवल एक प्रतिभाशाली एथलीट की दुखद मौत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में आज भी महिला खिलाड़ियों को कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, खासकर तब जब वे परंपराओं से हटकर कुछ नया करना चाहें।