लाइसेंसी रिवॉल्वर से हत्या होने पर कितनी होती है सजा? जानिए क्या कहता है कानून
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 05:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हरियाणा के गुरुग्राम से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां एक स्टेट लेवल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या उसके ही पिता दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से कर दी। दीपक यादव को अपनी बेटी के टेनिस अकादमी चलाने से आपत्ति थी। इस बात पर दोनों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद दीपक ने तीन राउंड फायर कर राधिका को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
लाइसेंसी रिवॉल्वर से हत्या पर क्या है कानून?
जब सरकार किसी व्यक्ति को हथियार रखने के लिए लाइसेंस प्रदान करती है, तो इसके साथ कई नियम और शर्तें भी निर्धारित की जाती हैं, जो शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत बनाए जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर का गलत या अवैध उपयोग करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। ऐसे मामलों में न केवल हत्या की धाराओं के तहत, बल्कि आर्म्स एक्ट की धारा 27(3) और 54 के तहत भी मामला दर्ज किया जाता है। हत्या के अपराध में सजा के तौर पर मृत्युदंड से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसका अर्थ यह है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर का दुरुपयोग कर हत्या करता है, तो उसे न केवल हत्या के आरोप में बल्कि हथियार कानूनों के उल्लंघन के लिए भी कड़ी सजा भुगतनी पड़ती है।
दीपक यादव के खिलाफ कौन-कौन सी धाराएँ लगाई गई हैं?
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध परिभाषित है, जबकि आर्म्स एक्ट की धारा 27(3) और 54, जो शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत आती हैं, हथियार के गलत उपयोग को नियंत्रित करती हैं। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुई रिवॉल्वर को जब्त कर लिया है और आरोपी से पूछताछ कर रही है।
लाइसेंसी रिवॉल्वर रखने के नियम और शर्तें
लाइसेंसी रिवॉल्वर केवल सुरक्षा या अन्य वैध कारणों के लिए रखी जा सकती है। लाइसेंसधारी को हथियार का इस्तेमाल नियमों और शर्तों के अनुसार ही करना होता है। यदि कोई व्यक्ति हथियार का गलत उपयोग करता है, तो उसके लाइसेंस को रद्द किया जा सकता है और उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई भी की जाती है।
क्या लाइसेंसी रिवॉल्वर से हत्या पर ज्यादा सजा होती है?
सीधे तौर पर हत्या की सजा आम हत्याकांडों जैसी ही होती है, लेकिन यदि लाइसेंसी हथियार का गलत उपयोग होता है तो आर्म्स एक्ट के तहत आरोपी को अतिरिक्त सजा भी मिलती है। इससे आरोपी को ज्यादा सजा या सजा की अवधि बढ़ने का खतरा होता है।