चिट्टा के साथ पकड़े जाने वाले परिवारों की सरकारी सुविधाएं होंगी बंद
punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2025 - 07:05 PM (IST)
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नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक और पंचायत ने फैसला किया है कि किसी व्यक्ति के चिट्टा (एक प्रकार का मादक पदार्थ) के साथ पकड़े जाने पर उसके परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह फैसला गटवार पंचायत ने किया है। इससे दो दिन पहले औहर पंचायत ने ऐसा ही फैसला किया था। गटवार पंचायत के उपप्रधान अजय शर्मा ने कहा कि यह फैसला युवाओं और समाज को नशे की लत से बचाने के लिए किया गया है।
सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा
उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर लोगों के लिए विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही हैं और नशा करने वालों या इस धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। शर्मा ने कहा कि पंचायत ने तय किया है कि अगर कोई व्यक्ति नशे के सेवन या उसकी तस्करी में संलिप्त पाया जाता है तो उसके परिवार को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित करने का प्रस्ताव लाया जाएगा।
पंचायतों द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वाले परिवारों की योजनाएं, एकीकृत ग्रामीण विकास योजना (आईआरडीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम सहित अन्य योजनाएं शामिल हैं। शर्मा ने कहा कि ऐसे परिवारों को मकान निर्माण, पानी की टंकी एवं अन्य सुविधाओं के लिए धनराशि नहीं दी जाएगी।
जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा
ग्राम पंचायत प्रधान नवल बजाज ने बताया कि युवाओं को नशे की लत और उसके दुष्प्रभावों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि माता-पिता अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन स्तर देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। फिर भी, युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं जो समाज के लिए चिंता का विषय है।" पंचायत के अंतर्गत प्रत्येक वार्ड एवं गांव में नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। ग्राम पंचायत ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों, युवाओं, महिला संगठनों और सामाजिक संगठनों से सहयोग की अपील की है।