खुशखबरी! केदारनाथ धाम जाने वाले भक्तों को मिलेंगी ये सुविधाएं
punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 06:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क : उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम के कपाट इस साल 2 मई को सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर खुल जाएंगे। इसके बाद सुबह 7 बजे से श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे। केदारनाथ यात्रा हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व रखती है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
यात्रियों के ठहरने की विशेष व्यवस्था-
इस बार केदारनाथ धाम और यात्रा मार्ग पर यात्रियों के ठहरने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
- हर दिन 11 हजार यात्री रुक सकेंगे: केदारनाथ धाम सहित पैदल रास्तों पर बने विश्राम स्थलों पर रोजाना 11 हजार तीर्थयात्री ठहर सकेंगे।
- विभिन्न प्रकार के आवास उपलब्ध: यात्रियों के लिए तीर्थ पुरोहितों के घर, गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के हॉल और पक्के कॉटेज उपलब्ध रहेंगे।
- अस्थाई कॉटेज और टेंट: GMVN विश्राम स्थलों पर अस्थाई कॉटेज बनवा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय युवा 1200 अस्थाई टेंट लगा रहे हैं, जिनमें से 1000 केदारपुरी में और 200 रास्ते के पड़ावों पर होंगे। प्रत्येक टेंट में कम से कम चार यात्री ठहर सकेंगे।
भोजन की भी सुविधा-
यात्रियों के लिए रुकने के साथ-साथ भोजन की व्यवस्था भी की गई है। प्रशासन ने केदार घाटी के युवाओं को धाम और पैदल मार्ग के पड़ावों पर अस्थाई कैंटीन लगाने की अनुमति दी है। इन कैंटीनों में चाय, नाश्ता और भोजन उपलब्ध रहेगा।
किराया कितना लगेगा-
केदारनाथ में ठहरने के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं:
- तीर्थ पुरोहितों के घर/लॉज: 1000 रुपये प्रति कमरा।
- GMVN कॉटेज: 500 रुपये प्रति बेड और पूरे कॉटेज के लिए 8400 रुपये।
- अस्थाई टेंट: 500 रुपये प्रति बेड।
चुनौतीपूर्ण है केदारनाथ की यात्रा-
चारधाम यात्रा में केदारनाथ की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है। केदारनाथ पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गौरीकुंड से केदारपुरी तक 16 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें लगभग पांच से सात घंटे लगते हैं। इसलिए, प्रशासन द्वारा यात्रियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था करना महत्वपूर्ण है।