... घर आना है तो बेटी को मारना होगा

punjabkesari.in Tuesday, May 05, 2015 - 06:37 AM (IST)

पानीपत(संदीप): सिविल अस्पताल में दूसरी मंजिल पर अपनी मां के पास लेटी वह 5 दिन की नन्ही सी जान, सही से आंखें भी नहीं खुली हैं। कभी वे कुछ देर लिए सो जाती तो कभी उठकर अपने आप मुस्कुराने लग जाती, मानो जैसे वह बहुत खुश है। मां बार-बार उसको चूमकर प्यार से गुडिय़ा-गुडिय़ा बुला रही है। जब भी मां बोलती वह गुडिय़ा छोटी-छोटी नीली आंखें खोलकर अपनी मां को देखती और मुस्कुराती। अब तो उसके मामा, नानी, नाना और दूसरे मरीजों के साथ आए परिजनों के साथ-साथ अस्पताल की नर्सें भी उसको गुडिय़ा ही कहने लगी है। बुधवार को गांव राणा माजरा की मीना ने अपने पति बलराज पर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि उसने सिविल अस्पताल में बेटी को जन्म दिया।

जब बेटी के जन्म के बारे में मीना ने अपने पति बलराज निवासी गांव ककाण को बेटी के जन्म के बारे में बताया, तो वह आग बबूला हो गया। वीरवार को बलराज अपनी बहन कविता के साथ पानीपत सिविल अस्पताल आया। वहीं मीना ने पुलिस में दी शिकायत में अपने पति और ननद पर आरोप लगाया है कि अस्पताल आने के बाद पहले तो कविता ने उस पर काफी सवाल उठाए। आरोप है कि बलराज और कविता ने मीना के परिजनों के साथ यह कहकर मारपीट कर कहा कि उसने बच्ची को जन्म क्यों दिया। बार-बार बलराज और उसकी बहन कविता चिल्ला-चिल्लाकर अस्पताल में कहते रहे कि उनको तो बेटा ही चाहिए था।

गुस्से में बलराज में बैड पर लेटी मीना को लात-घूंसों से पीटा, बीच में अपनी बहन को छुड़वाने के लिए आए भाई श्याम के साथ भी कविता और बलराज ने मारपीट की। उन्होंने कहा कि वे यह कर वहां से चले गए कि अगर घर आना है तो इस लड़की को मारकर आ जाना नहीं तो अपनी मां के घर ही रहना। गांव राणा माजरा निवासी मामन ने अपनी लड़की मीना की शादी गांव काकण निवासी बलराज पुत्र ओमप्रकाश के साथ की थी। बलराज की गोहाना में गैस वैल्डिंग की दुकान है। शादी के बाद से बलराज और सीमा के बीच सब कुछ ठीक नहीं था। सीमा ने बताया कि उसका पति बलराज उसको हर रोज पीटता था, जिसके बारे में उन्होंने कई बार अपने पिता मामन और भाई श्याम को भी बताया था। उसकी बेटी का घर न उजड़े इसलिए मामन ही बार-बार सीमा को समझाकर उसको उसके ससुराल भेज देता।

यहीं से हुआ बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू
देश में हर रोज कितनी ही गुडिय़ां लोगों की रूढि़वादी सोच के कारण जान गंवा रही है। लोगों को कब समझ में आएगा कि समाज का विकास नारी की भागेदारी के बिना नहीं हो सकता। जिस जिले से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया। जो जगह इस महत्वपूर्ण अभियान की गवाह बनी उसी जगह से पुत्र चाहत जैसी कुरीति ने एक बार फिर आवाज उठाई। हरियाणा में लिंग अनुपात ही लोगों की मानसिकता के बारे में बहुत कुछ बता देता है। पिछले कितने ही सालों से सरकार द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए कितने ही विज्ञापनों, भाषणों का आयोजन किया गया लेकिन सरकार द्वारा उठाए गए अहम कदम भी लोगों की मानसिकता को नहीं बदल सके। लाख प्रयासों के बाद भी करीब 10 सालों से राज्य में 1000 हजार लड़कों पर 900 लड़कियां भी नहीं हो पाईं। अगर इस अनुपात को ही देखा जाए तो पानीपत हरियाणा में इस कुरीति का सबसे ग्रस्त क्षेत्र है। पानीपत में 1000 लड़कों पर 867 लड़कियां है।

पुलिस जांच अधिकारी का कहना-
इस मामले के जांच अधिकारी ए.एस.आई. जयबीर सिंह ने कहा कि मीना ने अपने पति बलराज और कविता पर आरोप लगाया है कि उन्होंने बेटी होने के कारण उसकी अस्पताल में बुरी तरह से पिटाई कर दी है। पुलिस ने आरोपी बलराज और कविता के ऊपर धारा 498 ए, 323, 506, के तहत मुकद्दमा दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा कि महिला द्वारा पति और ननद पर लगाए गए आरोपों की सच्चाई के बारे में तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

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