सूरज पर बनी 20 हजार किमी गहरी ''आग की घाटी'', धरती पर पड़ सकता है घातक असर
punjabkesari.in Thursday, Apr 07, 2022 - 11:13 AM (IST)

नेशनल डेस्क: बदलते पर्यावरण के कारण सूर्य पर प्राकृतिक गतिविधियों में काफी तेजी आई हुई है। इसका असर पृथ्वी पर भी पड़ रहा है। इस साल मार्च-अप्रैल में ही भीषण गर्मी पड़ रही है। सूर्य पर 3 अप्रैल को विस्फोट हुआ है जिससे प्लाज्मा की एक फिलामेंट का निर्माण हुआ। यह फिलामेंट बेहद विशालकाय, गहरी और ताकतवर था। फिलामेंट चुंबकीय शक्ति से भरपूर सौर हवा फेंक रहा है, जिसकी वजह से धरती ध्रुवों पर लगातार अरोरा (Auroras) बन रहे हैं। हैरानी की बात है कि यह फिलामेंट 20 हजार किलोमीटर गहरी थी, इसकी लंबाई 2 लाख किलोमीटर थी। सूरज पर पहला फिलामेंट 3 अप्रैल और दूसरा 4 अप्रैल 2022 को बना था। वैज्ञानिकों ने इसे 'आग की घाटी' (Canyon Of Fire) नाम दिया है।
इंग्लैंड के मौसम विभाग ने कहा कि सूरज दक्षिणी-मध्य इलाके में दो बड़े फिलामेंट्स बनते देखे गए हैं। अंतरिक्ष के अल्ट्रावॉयलेट हिस्से में घूमने वाले सैटेलाइट्स और जमीन पर मौजूद टेलिस्कोप्स ने भी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम की तस्वीर ली है। यह स्पेक्ट्रम फिलामेंट के बनने की वजह से बना था, इसी से ही विस्फोट का अंदाजा लगाया जाता है।
वहीं 7-8 अप्रैल को धरती पर इसका असर देखने की बात कही जा रही है लेकिन यह तय नहीं है कि 3 और 4 अप्रैल को निकला सौर तूफान धरती तक पहुंचेगा या नहीं लेकिन दोनों ध्रुवों पर इंद्रधनुषी रंगों वाली रोशनियों का नजारा देखने को मिल सकता है। यूके के मौसम विभाग के मुताबिक धरती का जियोमैग्नेटिक वायुमंडल अगले कुछ दिनों में शांत रहेगा।लेकिन सूरज से स्पॉट्स पर होने वाले विस्फोटों की वजह से दिक्कतें आ सकती हैं क्योंकि इस समय धरती ऐसी स्थिति में है कि जब भी सौर तूफान आता है, तो वह सूरज के सामने रहता है।