अब भीतर के गद्दारों की बारी, कश्मीर में आतंकी मददगारों के खिलाफ SIA की बड़ी कार्रवाई, 20 ठिकानों पर छापेमारी
punjabkesari.in Sunday, May 11, 2025 - 05:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। पूरे देश में आक्रोश फैल गया और सरकार पर सख्त कार्रवाई का दबाव बना। अब उसी का असर दिखने लगा है। भारत ने पहले ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया और अब जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के छिपे हुए मददगारों यानी स्लीपर सेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है।
20 ठिकानों पर एकसाथ छापे, देशविरोधी नेटवर्क ध्वस्त
राज्य जांच एजेंसी (SIA) ने दक्षिण कश्मीर के चारों जिलों में एक साथ 20 स्थानों पर छापेमारी की है। इन जगहों से भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज, और संदिग्ध सामग्रियां बरामद की गई हैं। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसी का दावा है कि ये लोग पाकिस्तान में बैठे आतंकी आकाओं से सीधे संपर्क में थे और लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मुहम्मद जैसे संगठनों के इशारे पर काम कर रहे थे।
स्लीपर सेल के जरिए फैलाई जा रही थी नफरत
तकनीकी खुफिया जानकारी से पता चला है कि ये स्लीपर सेल व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए सुरक्षा बलों और रणनीतिक ठिकानों की जानकारी पाकिस्तान भेज रहे थे। यही नहीं, ये लोग ऑनलाइन कट्टरपंथी प्रचार में भी शामिल थे, जिससे घाटी में नफरत फैलाने और भारत की एकता को तोड़ने की साजिश रची जा रही थी।
गिरफ्त में आए देशद्रोही तत्व
SIA के मुताबिक शुरुआती जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है वे सक्रिय रूप से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। वे न सिर्फ आतंकी साजिश में हिस्सा ले रहे थे बल्कि सांप्रदायिक तनाव और जन असंतोष को हवा देकर सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे।
22 अप्रैल को हुए हमले ने भारत को बड़ा झटका दिया था। इस हमले ने देशभर में गुस्से की लहर दौड़ा दी थी। इसके बाद भारत ने सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी नहीं दी, बल्कि सीधे जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों के अड्डों पर हमला बोला। ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी शिविरों को तबाह कर दिया गया। अब सरकार की रणनीति साफ है न सिर्फ आतंकियों को खत्म करना है, बल्कि उनके स्लीपर सेल, फंडिंग नेटवर्क और प्रचार तंत्र को भी खत्म करना है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी सहयोगियों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) की पहचान कर उन पर सीधा वार किया जा रहा है।