''पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा, भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा''

punjabkesari.in Tuesday, May 06, 2025 - 10:58 PM (IST)

नई दिल्लीः पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। इस संबंध में मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने चेतावनी दी है कि यह तनाव पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को और जटिल बना सकता है। वहीं, भारत पर इसका प्रभाव न्यूनतम होगा, लेकिन यदि यह लंबे समय तक खिंचता है तो कुछ समस्याएं हो सकती हैं। 

मूडीज की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है। हाल के दिनों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में थोड़ा सुधार हुआ है, खासकर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम की मदद से, लेकिन अगर यह तनाव लंबे समय तक जारी रहा, तो पाकिस्तान को विदेशी धन जुटाने में कठिनाई होगी। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि बढ़ते तनाव से पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव पड़ेगा, जो पहले से ही आवश्यकता से काफी कम है। 

पाकिस्तान को अगले कुछ वर्षों में भारी विदेशी ऋण चुकाना है और यदि वित्तपोषण बंद हो गया तो पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो सकती है। मूडीज ने यह भी कहा कि तनाव के कारण पाकिस्तानी सरकार का राजकोषीय सुधारों पर ध्यान कम हो सकता है, जिससे आर्थिक सुधार पीछे चले जाएंगे। 

भारत के बारे में बात करते हुए मूडीज का मानना ​​है कि इस तनाव का भारत की अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार बहुत कम है। 2024 में भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान का हिस्सा 0.5 प्रतिशत से भी कम होगा। यानी व्यापारिक संबंध इतने मामूली हैं कि तनाव से भारत को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।

हालांकि मूडीज ने चेतावनी दी है कि अगर यह तनाव लंबे समय तक जारी रहा तो भारत को भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, रक्षा व्यय में वृद्धि हो सकती है, जिससे सरकार का बजट प्रभावित होगा और राजकोषीय सुधारों की गति धीमी हो सकती है। फिर भी, मूडीज का मानना ​​है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस तनाव को झेलने में सक्षम है। 

मूडीज़ रेटिंग्स और भविष्य का दृष्टिकोण
मूडीज ने पाकिस्तान की रेटिंग घटाकर सी.ए. कर दी है। उसे ए-2 रेटिंग दी गई है, लेकिन उसका परिदृश्य सकारात्मक है। इस बीच, भारत को बी. ए. रेटिंग मिली है, जिसका दृष्टिकोण स्थिर है। मूडीज का कहना है कि दोनों देशों के बीच तनाव का लंबा इतिहास रहा है और समय-समय पर छोटी-मोटी झड़पें भी होती रही हैं, लेकिन उनका अनुमान है कि यह तनाव पूर्ण युद्ध में नहीं बदलेगा।

वास्तविक चिंता क्या है?
पाकिस्तान के लिए चिंता की बात यह है कि वह पहले से ही भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। आई.एम.एफ. सहायता और ऋण राहत के प्रयास जारी हैं, लेकिन तनाव बढ़ने पर ये सारे प्रयास पटरी से उतर सकते हैं। भारत के लिए तनाव का प्रभाव सीमित है, लेकिन दीर्घावधि में रक्षा खर्च में वृद्धि से बजट पर दबाव पड़ सकता है।


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Content Writer

Pardeep

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