न सेंधा नमक आएगा न दवाइयां जाएंगी, भारत-पाक व्यापार पर बैन का बड़ा असर
punjabkesari.in Saturday, May 03, 2025 - 03:55 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में और कड़वाहट आ गई है। भारत सरकार ने अब पाकिस्तान से आने वाले और वहां भेजे जाने वाले सभी सामानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यानी अब भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार का आयात-निर्यात नहीं होगा। यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और इसके तहत सीधे या किसी तीसरे देश के जरिए होने वाले व्यापार पर भी रोक लगा दी गई है।
कितना होता था व्यापार?
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पहले ही बहुत सीमित था। साल 2019 के पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों ने व्यापारिक रिश्ते लगभग खत्म कर दिए थे। इसके बावजूद कुछ आवश्यक वस्तुएं जैसे दवाइयां, सेंधा नमक, ड्राई फ्रूट्स, केमिकल्स आदि का व्यापार कभी-कभी तीसरे देशों जैसे दुबई और सिंगापुर के जरिए होता रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने पाकिस्तान से सिर्फ 3 मिलियन डॉलर का माल मंगाया था, जबकि पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया था।
भारत पाकिस्तान से क्या-क्या मंगाता था?
पाकिस्तान से आयात की जाने वाली वस्तुएं कम लेकिन कुछ मामलों में महत्वपूर्ण थीं। भारत में इनके विकल्प तो हैं, लेकिन अचानक रोक लगने से इनकी उपलब्धता पर असर पड़ सकता है।
भारत पाकिस्तान से क्या आयात करता था:
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सेंधा नमक: व्रत और धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल होता है।
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ड्राई फ्रूट्स और फल: खासकर तरबूज, खजूर, अखरोट, बादाम आदि।
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सीमेंट और पत्थर: निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होता है।
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मुल्तानी मिट्टी और चूना: सौंदर्य और आयुर्वेदिक उत्पादों में काम आते हैं।
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कॉटन, चमड़ा और स्टील: कपड़ा व फुटवियर उद्योगों के लिए कच्चा माल।
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ऑप्टिकल सामान और ऑर्गेनिक केमिकल्स: सीमित लेकिन तकनीकी उपयोग।
अब जब ये वस्तुएं पाकिस्तान से नहीं आएंगी तो भारत को या तो घरेलू उत्पादकों पर निर्भर होना पड़ेगा या इनका दाम बढ़ सकता है।
भारत पाकिस्तान को क्या-क्या भेजता था?
भारत के निर्यात की लिस्ट पाकिस्तान के मुकाबले कहीं ज्यादा लंबी और महत्वपूर्ण है।
भारत पाकिस्तान को क्या निर्यात करता था:
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दवाइयां और मेडिकल उत्पाद: पाकिस्तान की जनता के लिए जीवनरक्षक साबित होती थीं।
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जैविक-अजैविक केमिकल्स: औद्योगिक और कृषि उपयोग के लिए।
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कपास और सूती धागा: पाकिस्तान का टेक्सटाइल सेक्टर भारत की कपास पर निर्भर रहता था।
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चीनी और मिठाइयां: खाद्य उद्योगों में इस्तेमाल होता है।
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मशीनरी और प्लास्टिक उत्पाद: छोटे-बड़े उद्योगों के लिए ज़रूरी सामान।
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कृषि उत्पाद: अनाज, मसाले, दालें आदि।
अब पाकिस्तान को ये सब वस्तुएं दूसरे देशों से महंगे दाम पर खरीदनी पड़ेंगी, जिससे वहां महंगाई और बढ़ सकती है।
दोनों देशों पर क्या पड़ेगा असर?
भारत पर असर:
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सीधा नुकसान बहुत कम क्योंकि भारत पाकिस्तान पर व्यापार के लिए निर्भर नहीं है।
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कुछ खास वस्तुएं जैसे सेंधा नमक, मुल्तानी मिट्टी और कुछ ड्राई फ्रूट्स महंगे हो सकते हैं।
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भारत के घरेलू उत्पादकों को फायदा मिलेगा क्योंकि अब उनकी मांग बढ़ सकती है।
पाकिस्तान पर असर:
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भारत से दवाइयां और केमिकल्स न आने से स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ सकता है।
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कपास और धागा न मिलने से टेक्सटाइल इंडस्ट्री में दिक्कत होगी।
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भारतीय चीनी और खाद्य उत्पाद न मिलने से महंगाई और संकट दोनों बढ़ सकते हैं।
क्यों है यह फैसला अहम?
यह सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक नीति का हिस्सा है। आतंकी हमलों पर पाकिस्तान की निष्क्रियता और बार-बार घुसपैठ की कोशिशों को देखते हुए भारत ने कड़ा संदेश दिया है – “आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते।”