मर्केल के सामने गठबंधन संबंधी चुनौती, धुर-दक्षिणपंथी ‘तूफान’ का भी करना होगा सामना

punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2017 - 10:56 AM (IST)

बर्लिन: चुनाव में चौथी बार जीत हासिल करने के बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल का सामना अब धुर-दक्षिणपंथी विपक्ष और गठबंधन संबंधी कठिन बातचीत से होगा। चुनाव को काफी बोरियत भरा माना जा रहा था लेकिन इसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। जनवाद में उभार आने से मर्केल की कंजर्वेटिव पार्टी और मध्य-वाम सोशल डेमोक्रेट दोनों कमजोर हुए। दोनों के लिए दशकों में ये नतीजे काफी खराब हैं।  

जर्मनी के चुनाव नतीजे अपने साथ राहत और चिंता का मिला-जुला भाव लेकर आए हैं। चांसलर एंजेला मर्केल के समर्थकों के लिए राहत की बात यह रही कि उनका चौथी बार सत्ता में पहुंचना करीब-करीब तय हो गया लेकिन न सिर्फ जर्मनी बल्कि पूरे यूरोप के लिए चिंता की बात यह है कि पिछली आधी सदी में पहली बार धुर दक्षिणपंथी पार्टी ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) संसद में दमदार अंदाज में पहुंची है। उसे करीब 13 फीसदी वोट हासिल हुए हैं।एंजेला मर्केल की पार्टी क्रिश्चन डेमोक्रैटिक यूनियन (सीडीयू) सत्ता में लौटी तो जरूर लेकिन वोट प्रतिशत में अच्छी-खासी कटौती के साथ। इस बार उसे करीब 33 फीसदी वोट मिले हैं जो पिछली बार के मुकाबले 8.5 फीसदी कम हैं। करीब 20 फीसदी वोटों के साथ सोशल डेमोक्रैट्स दूसरे नंबर पर हैं।
PunjabKesari
जर्मनी की संसद बुनडेस्टेग चैंबर में धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी दर्जनों सांसदों के प्रवेश के साथ द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद के जर्मनी में एक ठहराव खत्म हुआ है जिसे वहां के एक बड़े अखबार बाइल्ड डेली ने ‘राजनीतिक तूफान’ करार दिया है। अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी के एलेक्जेंडर गॉलैंड ने कहा,‘‘हम हमारा देश वापस लेंगे।’’हालांकि अन्य दलों ने एएफडी के साथ मिलकर काम करने की संभावना से इंकार कर दिया है।एएफडी के नेताओं ने मर्केल को ‘देशद्रोही’ बताया जिसकी वजह यह है कि मर्केल ने वर्ष 2015 से दस लाख शरणार्थियों को प्रवेश की इजाजत दी है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News