पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन कर जबरन रहे निकाह, सच्चाई आई सामने
punjabkesari.in Friday, Jan 17, 2025 - 07:39 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिन्दू, सिक्ख और इसाईयों, पर हो रहे अत्याचारों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान से भागकर भारत आए शरणार्थियों का कहना है कि उन्हें अब वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद अपने देश वापस लौटने का मन नहीं है। पाकिस्तान में बढ़ते धार्मिक अत्याचारों और नाबालिग बालिकाओं के अपहरण, धर्मांतरण और जबरन निकाह की घटनाओं के कारण बड़ी संख्या में शरणार्थी भारत में अपनी ज़िंदगी बिताने के लिए बसने को मजबूर हो रहे हैं।
पाकिस्तान में बढ़ता जा रहा अत्याचार
पाकिस्तान में हिन्दू, सिक्ख और इसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। सिंधी फाउंडेशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2018 से 2024 के बीच 5000 से अधिक हिन्दू युवतियों का अपहरण कर उनका जबरन निकाह किया गया। साल 2024 में मानवाधिकार संगठन ने 112 ऐसे मामलों का खुलासा किया है। इनमें से ज्यादातर घटनाएं सिंध, पंजाब और कश्मीर क्षेत्र से हैं, जहां धर्मांतरण और सामाजिक उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ गई हैं।
सिंध में दलितों की दुर्दशा दयनीय
सिंध प्रांत में दलितों पर धर्मांतरण के दबाव में इजाफा हुआ है। यहां के मदरसों में धार्मिक शिक्षा देने की बजाय अब दलितों को जबरन धर्म बदलने का दबाव डाला जा रहा है। सिंध के कई परिवारों को यह मानना पड़ा कि अगर वे धर्मांतरण नहीं करेंगे, तो उनके परिवारों को अपहरण और शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ेगा।
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भारत आने के बाद शरणार्थियों की समस्याएं
भारत के राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में बसे पाकिस्तान के शरणार्थी परिवार अब वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद वापस पाकिस्तान लौटने के लिए तैयार नहीं हैं। ये परिवार शरण में रहकर अपनी ज़िंदगी बिताने का इच्छुक हैं। हालांकि, थार एक्सप्रेस के बंद होने के कारण उनके लिए पाकिस्तान लौटने का कोई आसान रास्ता नहीं बचा है। थार एक्सप्रेस साल 2018 में पुलवामा हमले के बाद बंद कर दी गई थी, जिसके कारण पाकिस्तान से भारत आने का रास्ता मुश्किल हो गया है।
भारत में बसने का मन, पाकिस्तान में संकट
पाकिस्तान में बढ़ते धार्मिक उत्पीड़न और हिंसा के कारण अब भारत आने वाले शरणार्थियों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है। विशेष रूप से पाकिस्तान के सिंध और पंजाब क्षेत्र के लोग भारत में अपनी ज़िंदगी फिर से शुरू करने के लिए पहुंच रहे हैं। शरणार्थी भारत में रहने के लिए अपने वीजा का विस्तार करवाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वे पाकिस्तान के हिंसा और उत्पीड़न से बच सकें।
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बांग्लादेश के उदाहरण से पाकिस्तान में अत्याचार बढ़े
बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों ने पाकिस्तान में भी धार्मिक हिंसा को और बढ़ावा दिया है। साल 2023 में बांग्लादेश में 2200 अत्याचार के मामले सामने आए थे, जिसके बाद पाकिस्तान में भी धार्मिक अत्याचारों का अनुपात बढ़ा है।
पाकिस्तान में हिन्दू अब केवल 2 प्रतिशत
पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय अब महज 2 प्रतिशत रह गया है, और इनकी सुरक्षा की स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है। पाकिस्तान के हिन्दू अब भारत की ओर देख रहे हैं, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।