पाकिस्तान में आतंकियों के जनाजे में दिखा लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अब्दुल रऊफ
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 05:06 PM (IST)

इंटरनेशन डेस्क: आतंक की जननी पाकिस्तान की हकीकत एक बार फिर दुनिया के सामने है। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में खुद पाकिस्तानी सेना शामिल हुई। मगर सबसे चौंकाने वाली तस्वीर लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मुरीदके से सामने आई, जहां आतंकियों के शवों के साथ खड़ा था खुद लश्कर का कमांडर अब्दुल रऊफ। सिर झुकाए पाकिस्तानी अधिकारी, हाथ बांधकर रोते सिपाही और गम में डूबा आतंकी नेटवर्क... ये सब बताता है कि पाकिस्तान में आतंकियों की जान की कीमत आम नागरिकों से कहीं ज्यादा है।
भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकवाद को पनाह देने वालों को एक बार फिर करारा जवाब दिया है। "ऑपरेशन सिंदूर" के जरिए भारतीय बलों ने महज 25 मिनट में पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया। इन हमलों में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
पाकिस्तानी सेना की दोहरी चाल बेनकाब
हमले के बाद जो तस्वीरें सामने आईं वो पाकिस्तान की असलियत को फिर से उजागर करती हैं। मारे गए आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना खुद शामिल हुई। लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मुरीदके में हुए इन जनाजों में पाकिस्तानी अफसर हाथ बांधकर और सिर झुकाकर मातम करते नजर आए। इन जनाजों में शामिल होने वाले एक नाम लश्कर के टॉप कमांडर अब्दुल रऊफ का भी बताया जा रहा है।
भारत का रुख साफ – आतंक का अंत तय है
ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विक्रम मिस्री ने स्पष्ट कहा कि यह कार्रवाई पहलगाम हमले के जवाब में की गई है। उन्होंने बताया कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों को उनके परिवार के सामने बहुत नजदीक से गोली मारी गई, जो बर्बरता की चरम सीमा है।
नागरिकों को बचाकर आतंकियों को मारा
कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को अत्यंत सावधानी से अंजाम दिया गया। सभी 9 आतंकी ठिकानों को पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर निशाना बनाया गया। इन हमलों में किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया, ताकि आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
एयर स्ट्राइक के अंदाज में हुआ ऑपरेशन
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन की योजना एयर स्ट्राइक जैसी ही थी। ड्रोन, रडार और उपग्रहों की मदद से आतंकी ठिकानों की पहचान की गई और फिर निर्धारित समय पर हमले किए गए। महज 25 मिनट के भीतर सभी लक्ष्य ध्वस्त कर दिए गए।
पाकिस्तान के पास नहीं कोई जवाब
इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने न तो किसी बड़े सैन्य नुकसान की बात स्वीकार की और न ही इन जनाजों को लेकर सफाई दी। लेकिन लश्कर मुख्यालय में सेना की मौजूदगी और उनके मातम से दुनिया को साफ हो गया कि पाकिस्तान आतंक का समर्थन करता है।