ग्लोबल टाइम्स ने उगला ड्रैगन का सच,माना-भूटान की जमीन पर चीन ने बसाया नया गांव
punjabkesari.in Tuesday, Nov 24, 2020 - 11:24 AM (IST)
बीजिंगः चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने गलती से ही सही लेकिन ड्रैगन की नीयत का खतरनाक सच दुनिया के सामने उगल दिया है। ग्लोबल टाइम्स ने आखिर यह मान लिया है कि चीन ने भूटान की जमीन में कब्जा करके पांग्डा गांव बसाया है। ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को दावा किया कि भूटान की सीमा के पास बसाया गया पांग्डा गांव चीन की सीमा में आता है लेकिन उसकी ओर से जारी तस्वीरों में यह साफ नजर रहा है कि चीनी गांव भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र में बसाया गया है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पांग्डा गांव को नया बसाया गया है और सितंबर में वहां पर लोगों को बसाया गया । सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने डोकलाम पठार के पूर्वी इलाके में भूटान की सीमा के दो किलोमीटर अंदर चीनी गांव बसाने के अलावा चीन ने इसी इलाके में 9 किमी तक फैली सड़क बना ली है। इससे पहले भारत में भूटान के राजदूत ने इस बात का खंडन किया था कि यह गांव उनके क्षेत्र में आता है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि सार्वजनिक दस्तावेजों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम तिब्बत के यादोंग काउंटी के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि शांगदुई गांव के 27 घरों के 124 लोग स्वैच्छिक तरीके से पांग्डा गांव में सितंबर में रहने आए हैं।'
उसने यह भी कहा कि यह गांव काउंटी से 35 किमी दूर स्थित है। उसने कहा कि इस गांव में एक चौक, हेल्थ रूम, स्कूल, सुपरमार्केट और पुलिस रूम बनाया गया है। चीनी सेना का निर्माण दस्ता वर्ष 2017 में अपनी सड़क का विस्तार करके जोंपलरी पहाड़ी तक रास्ता बनाना चाहती थी। यह रास्ता भारतीय सेना के डोका ला पोस्ट के पास से होकर जाता जो सिक्किम और डोकला की सीमा के बीच में स्थित था। भारतीय सेना ने चीन के निर्माण दस्ते को मौके पर जाकर काम करने से रोक दिया था। दरअसल, अगर चीन की पहुंच जोमपेलरी पहाड़ी इलाके तक हो जाती तो वह भारत के चिकेन नेक कहे जाने वाले सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर अब सीधी नजर रख सकता था। रणनीतिक रूप से बेहद अहम सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही भारत की मुख्यभूमि को पूर्वोत्तर के राज्यों से जोड़ता है।
इसी चीनी खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना ने चीनी सड़क को रोक दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक अब तीन साल बाद चीनी निर्माण दस्ता जोंपलरी पहाड़ी तक एक नए रास्ते पर काम कर रहा है। चीन ने टोर्सा नदी से सटकर एक रास्ता तैयार किया है और इसे अब भूटान की सीमा में बनाया गया है। सामरिक मामलों विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने कहा, 'चीनी सेना ने वर्ष 2017 के गतिरोध स्थल को वैसे ही छोड़ दिया है जो डोकलाम के एक कोने पर स्थित है। लेकिन कदम-दर-कदम वे डोकलाम की यथास्थिति को लगातार बदल रहे हैं। इसके तहत वे स्थायी ठिकाने और सड़कें, यहां तक कि उन्होंने पठार पर एक गांव भी निर्माण कर दिया है। इस पूरे इलाके में तीन साल पहले कोई नहीं रहता था।'