Exclusive Interview: देशभक्ति, बलिदान और साहस की कहानी है ‘केसरी वीर’: सुनील शेट्टी

punjabkesari.in Tuesday, May 20, 2025 - 07:06 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। बॉलीवुड में अक्सर हमारे इतिहास के योद्धाओं को लेकर कई फिल्में बनी हैं जिन्हें दर्शकों का खूब प्यार मिला है। इसी बीच सुनील शेट्टी और सूरज पंचोली लेकर आ रहे हैं फिल्म 'केसरी वीर' जिसमें वीरता और बलिदान की ऐसी गाथा दिखाई गई है, जिसमें विदेशी आक्रमणकारी सोमनाथ मंदिर को लूटने की कोशिश करता है। लेकिन भारत के योद्धा उसका डटकर मुकाबला करते हैं। फिल्म का निर्देशन प्रिंस थीमान ने किया है। केसरी वीर 23 मई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। फिल्म के बारे में सुनील शेट्टी, सूरज पंचोली और आकांक्षा शर्मा ने पंजाब केसरी, नवोदय टाइम्स, जगबाणी, और हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

सुनील शेट्टी

सवाल: इस फिल्म में ऐसा क्या अलग और खास है जिस वजह से आपने इसके लिए हां की?
हम अपने इतिहास की बात करते हैं जो हमें कभी सिखाया ही नहीं गया। हमें अग्रंजों और मुगलों के बारे में तो बहुत कुछ पढ़ाया और बताया गया। लेकिन हमारे जो वीर हैं जिन्होंने अपनी जान देकर और सिर्फ वीर ही नहीं उस समय की पूरी फौज, गांव के लोग और औरत-मर्द सबने इक्टठा होकर जंग लड़ी थी। जब ऐसी फिल्मों के बारे में बात करते हैं तो एक अलग ही देशभक्ति का एहसास होता है। मेरे अंदर एक खास चीज है जब देशभक्ति, देश की वर्दी के प्रति जब कुछ सुनता ही तो अलग ही फीलिंग आती है और वो आपको इस फिल्म में देखेने को मिलेगी। गुजरात की जब भी हम बात करते हैं तो व्यापार या परिवार के बारे में सोचते हैं वीर योद्धाओं के बारे में नहीं सोचते हैं। इसलिए बहुत सारे ऐसे वीर हैं जिनके बारे में बात कर सकते हैं जो इस फिल्म में नजर आएगा।

सवाल: अपने किरदार के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
मैं सिर्फ यही कहना चाहूंगा एक 'भक्त' शिव का भक्त, बेटी का भक्त और देश का भक्त, जब एक बाप अपनी बेटी का भक्त होता है ना तो उससे बड़ा कोई भक्त नहीं होता है। उससे ताकतवर इंसान कोई हो ही नहीं सकता। ये तीनों चीजें ही इस किरदार कि खूबसूरती है और मुगल उस समय जान गए थे कि भक्तों से लड़ना नामुमकिन है।

सवाल: आप एक सीनियर एक्टर हैं और इस फिल्म में युवा कलाकारों को क्या आपने गाइड किया?
माहौल ही ऐसा थी कि इसकी जरुरत ही नहीं पड़ी। मैं कभी नहीं सोचता कि सीनियर और जूनियर का अंतर है। मेरा हमेशा यही ध्यान रहता है कि सभी कलाकार अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस दें। फिल्म का हर एक पहलू, चाहे वह एक्टिंग हो या टीम वर्क, बेहद महत्वपूर्ण है।

आकांक्षा शर्मा

सवाल: आप इस फिल्म का हिस्सा हैं इस फिल्म में आपको क्या खास लगा?
जैसा की सुनील सर ने कहा कि जब हम गुजरात के बारे में बात करते हैं तो हमें वहां के बहुत सारे योद्धाओं के बारे में पता ही नहीं है तो इस फिल्म के जरिए से एक कोशिश की गई है ऐसे योद्धाओं पर प्रकाश डालने की और हम आशा करते हैं कि आगे भी इस तरह के योद्धाओं की कहानियां हमें आगे दर्शकों के सामने लाने का मौका मिले।

सवाल: फिल्म में आपका किरदार क्या है और इसके लिए आपने कितनी तैयारी की? 
योद्धा, प्यार, बलिदान ये तीनों लेयर हैं मेरे किरदार में। वो सिर्फ हथियारों से नहीं बल्कि अपने अंदर से भी लड़ रही थी। उसके जीवन में एक बलिदान था अपनों को खोने का जिनको वो प्यार करती थी। ये किरदार मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि मैं कभी बिना परिवार के नहीं रही। लेकिन मेरी मां की स्ट्रॉन्ग पर्सनैलिटी से मैंने बहुत कुछ सीखा। किरदार को निभाने के लिए मैंने खुद को इमोशनली खोला और हर पल को फील किया। सुनील सर ने भी मुझे बताया कि ग्लिसरीन की जरूरत नहीं, बस महसूस करो।

सवाल: आप ऑडियंस को क्या कहना चाहेंगी इस फिल्म के लिए?
मैं सिर्फ यही कहूंगी कि इस फिल्म को एक मौका जरूर दें। ये सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक इतिहास है। इसमें प्यार है, बलिदान है और सच्ची वीरता है। एक बार देखेंगे तो दिल से जुड़ जाएंगे।

सूरज पंचोली

सवाल: आप लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर नजर आएंगे तो इस फिल्म को लेकर कितने उत्साहित हैं?
इस फिल्म के लिए न बोलना तो बनता ही नहीं था दिल दिमाग सब से फिल्म के लिए हां ही थी। ऐसा रोल किसी एक्टर को उसके पूरे करियर में नहीं मिलता है। इससे अच्छा मौका और टाइमिंग मेरी लाइफ में कभी था ही नहीं कि मैं ये फिल्म करुं। हम सब के लिए बहुत खास फिल्म है। ये फिल्म गुजरात के पहले योद्धा पर बनी है। कई राज्यों के योद्धाओं पर फिल्में बनी हैं पहले लेकिन गुजरात के योद्धाओं पर कोई फिल्म हिंदी में नहीं बनी है और मैं इस फिल्म का हिस्सा होकर खुद को बहुत लकी और गौरव से भरा हुआ मानता हूं।

सवाल: अपने किरदार के बारे में कुछ बताइए?
मैं इस फिल्म में वीर हमीरजी गोहिल का किरदार निभा रहा हूं। जो एक योद्धा होने से पहले एक नौजवान लड़का था एक आम परिवार का। वह सिर्फ 22,23 साल के थे जब उन्होंने मुगलों के खिलाफ पहली जंग लड़ी थी। वह बहुत ही भावनात्मक, केंद्रित और बहुत बड़े शिव भक्त थे।

सवाल: सीनियर कलाकारों के साथ काम करना आपके लिए कैसा अनुभव रहा?
बहुत कुछ सीखने को मिला। मैंने समझा कि एक्टिंग के साथ-साथ टीमवर्क भी बहुत जरूरी है। हर एक सीनियर को देखकर प्रेरणा मिलती है, खासकर जब वो खुद भी इतने डेडिकेटेड होते हैं। इससे मुझे भी और बेहतर करने की ताकत मिलती है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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