Z ने लॉन्च किया ‘Z Power’: कन्नड़ दर्शकों के लिए लोकल कहानियों और नई तकनीक का पावरफुल संगम
punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 01:46 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारतीय मीडिया जगत के लीडिंग ब्रांड Z (Zee) ने अपने नए विज़न ‘आपका अपना ज़ी’ के साथ एक और बड़ा कदम उठाया है। बदलते एंटरटेनमेंट ट्रेंड्स के बीच ज़ी अब केवल एक कंटेंट क्रिएटर नहीं, बल्कि एक टेक्नोलॉजी-संचालित पावर हाउस बन चुका है। इसी दिशा में ज़ी की नई पहल ‘Z What’s Next’ लॉन्च की गई है, जो दर्शकों और ब्रांड्स को भावनाओं से जुड़ी कहानियों और नई तकनीक का बेहतरीन अनुभव कराती है। इस इनिशिएटिव में ज़ी ने साबित किया कि आज के दौर में कहानी सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं रह गई, बल्कि वह लोगों की सोच, बातचीत और संस्कृति का हिस्सा बन चुकी है।
‘Z What’s Next’ के मंच पर ज़ी ने दो नए हाईब्रिड चैनलों Z Power और Z Bangla Sonar की घोषणा की, जो स्थानीय भावनाओं को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की पहल का हिस्सा हैं। ज़ी अब कहानी कहने की परंपरा को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है, जहां तकनीक और संवेदना साथ-साथ चलती हैं। यह पहल दर्शकों को यह दिखाती है कि ज़ी न सिर्फ बदलाव को अपना रहा है, बल्कि उसकी अगुवाई भी कर रहा है एक ऐसे भारत के लिए जो आत्मविश्वासी है, विविधता में एकता को अपनाता है और हर बोली को एक भावना की तरह जीता है। इसी कड़ी में जी के चीफ क्लस्टर ऑफिसर (दक्षिण और पश्चिम) सिजू प्रभाकरन ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...
चीफ क्लस्टर ऑफिसर (दक्षिण और पश्चिम) सिजू प्रभाकरन
सवाल 1: आपका नया चैनल Z Power लॉन्च होने जा रहा है, जो कि खास तौर पर कन्नड़ भाषा के लिए है। क्या आप इसके बारे में संक्षेप में बता सकते हैं?
जवाब: जी हां। कर्नाटक हमारे लिए एक बेहद अहम मार्केट है। Z Kannada वहां का नंबर वन चैनल है, और हमारे पास वहां 44% मार्केट शेयर है। टॉप टेन शो में सारे Z Kannada के ही हैं। लेकिन हमें ये भी समझ आया कि दर्शक अब बदलाव चाह रहे हैं—नई कहानियां, नए फॉर्मेट और एक नया नजरिया। इसी सोच के साथ Z Power लॉन्च किया जा रहा है, जिसमें हम पांच डेली सीरियल्स और एक नॉन-फिक्शन शो ‘Hadlee Power’ लेकर आ रहे हैं।
सवाल 2: Z Power को कन्नड़ दर्शकों तक पहुंचाने के लिए क्या मार्केटिंग स्ट्रैटेजी रहेगी?
जवाब: Z Kannada की बहुत बड़ी पहुंच है। हम हर हफ्ते लगभग 3–4 करोड़ दर्शकों तक पहुंचते हैं। तो जाहिर है, Z Kannada के प्लेटफॉर्म का हम भरपूर उपयोग करेंगे। इसके अलावा, डिजिटल कैंपेन, आउटडोर प्रमोशन, और एक बड़ा लॉन्च इवेंट भी होगा जिसमें कर्नाटक का कोई बड़ा सेलिब्रिटी हिस्सा लेगा। एडवर्टाइजर्स की तरफ से भी काफी रुचि दिख रही है।
सवाल 3: आज के युवा, खासकर Gen Z और AI-प्रभावित ऑडियंस को आप किस तरह अपील करेंगे?
जवाब: आज के समय में जितना आप रीजनल होंगे, उतना ही ग्लोबल बन सकते हैं। जैसे ‘कांतारा’ एक बहुत ही स्थानीय कहानी थी लेकिन उसने पूरे भारत में असर डाला। कोरियन कंटेंट की तरह, जब आप अपने रूट्स और संस्कृति से जुड़ी सच्ची कहानियां दिखाते हैं, तो वो हर दिल को छूती हैं। हमारा फोकस वही है—ऑथेंटिक, लोकेल और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई कहानियां।
सवाल 4: Z Power की शुरुआत करने का विचार कैसे आया?
जवाब: Z Kannada एक विशाल बरगद के पेड़ की तरह है, जिसे हर उम्र के लोग देखते हैं। लेकिन जब हमने अपने दर्शकों से संवाद किया, तो हमें अहसास हुआ कि एक वर्ग ऐसा है जो खुद को अभी पूरी तरह रिप्रेजेंटेड महसूस नहीं करता। हम उस खाली स्पेस को भरना चाहते थे। Z Power उन्हीं नई कहानियों को सामने लाने की एक कोशिश है, जो आज के सामाजिक और भावनात्मक बदलावों को दर्शाएं।
सवाल 5: Z नेटवर्क में काम करने का अनुभव कैसा रहा है?
जवाब: मेरा Z के साथ लगभग दो दशकों का सफर रहा है। मैंने मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर शुरुआत की थी और आज कई भाषाओं व शहरों में काम कर चुका हूं। Z में एक एंटरप्रेन्योरियल कल्चर है, जहां इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है। आज हम कंटेंट कंपनी से टेक कंपनी की ओर भी बढ़ रहे हैं—नए ऐप्स, नए चैनल्स और नए फॉर्मेट्स के साथ। यह समय बेहद रोमांचक है।