Exclusive Interview: मेरी भांजी तन्वी के एक वाक्य से यह कहानी उपजी- अनुपम खेर

punjabkesari.in Saturday, Jul 19, 2025 - 12:41 PM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। हिंदी सिनेमा में पिछले चार दशकों से अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके अनुपम खेर अब एक नई फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ लेकर आ रहे हैं, जिसे उन्होंने न सिर्फ निर्देशित किया है बल्कि इसके निर्माता, लेखक और अभिनेता की भूमिका भी खुद ही निभाई है। यह फिल्म 18 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म में अनुपम खेर ने एक नए चेहरे शुभांगी को लीड रोल में चुना है, जो एक ऑटिस्टिक लड़की की प्रेरणादायक कहानी को जीवंत करती हैं। शुभांगी के अलावा फिल्म में जैकी श्रॉफ, इयान ग्लेन, करण टैकर, बोमन ईरानी और पल्लवी जोशी जैसे मंझे हुए कलाकार नजर आएंगे। फिल्म के बारे में अनुपम खेर ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश...

सवाल- इस फिल्म को लेकर आपकी क्या सोच रही थी? आपने इसे प्रोड्यूस भी किया है और डायरेक्ट भी किया।
जवाब:
मुझे लगता है कि जब कोई कहानी दिल से निकलती है, तो उसे ओन करना पड़ता है, उसे अपनाना पड़ता है। अगर आपको अपने दिल से कुछ अच्छा लगता है तो उसके लिए रिस्क लेना चाहिए। मैंने इसलिए प्रोड्यूस किया क्योंकि कई बार जब आप अपनी बात अपनी तरह से कहनी चाहते हैं, तो लोग साथ नहीं जुड़ते। खासतौर पर जब आप एक नई लड़की को लेकर इतनी बड़ी फिल्म बना रहे हों, जिसमें आठ गाने हों। पर मैं खुश हूं कि मैं अकेला नहीं था। 240 लोगों की टीम, कमाल के टेक्नीशियंस, ऐक्टर्स ने मुझ पर विश्वास जताया। इस फिल्म को पंख मिले – कान्स फिल्म फेस्टिवल से लेकर लंदन, न्यूयॉर्क, पुणे और आज हम आर्मी चीफ और उनके ऑफिसर्स को यह फिल्म दिखाने जा रहे हैं।

सवाल: इस फिल्म का आइडिया कहां से आया? वह पहली चिंगारी क्या थी?
जवाब:
मैंने 23 साल से कोई फिल्म डायरेक्ट नहीं की थी क्योंकि बतौर एक्टर मैं लगातार खुद को रिइन्वेंट करता रहा हूं। मुझे लगा जब तक कहने को कुछ ऐसा नहीं होगा, तब तक डायरेक्शन नहीं करूंगा। फिर मेरी भांजी तन्वी जो ऑटिस्टिक है, उससे यह कहानी उपजी। वह एक शादी में सबके बीच अकेली पहाड़ को देख रही थी और मैंने पूछा – क्या देख रही हो? उसने कहा – ‘मैं अपनी दुनिया देख रही हूं।’ वह वाक्य मेरे दिल में उतर गया। उसकी दुनिया क्या थी, मैं नहीं समझ पाया और वह भी समझा नहीं पाई। वहीं से फिल्म की नींव रखी।

सवाल- फिल्म तन्वी की कहानी क्या है? कहानी के बारे में बताइए।
जवाब:
यह एक ऑटिस्टिक लड़की की कहानी है जो आर्मी बैकग्राउंड से आती है और अपने दादाजी (बमन ईरानी) से म्यूजिक सीखने जाती है। वहां वह आर्मी का माहौल देखकर कहती है – 'मुझे आर्मी जॉइन करनी है।' लोग कहते हैं – 'तुम फिट नहीं हो।' लेकिन वह हार नहीं मानती। यह कहानी रेजिलिएंस की है, गुडनेस की ताकत की है। जिनको हम डिफरेंटली एबल्ड कहते हैं, वे असल में हमसे ज्यादा सक्षम होते हैं। उनके अंदर मैनिपुलेशन नहीं होता, बुराई नहीं होती। यह फिल्म अच्छाई को सेलिब्रेट करती है।

सवाल: आपने इस फिल्म के लिए शुभांगी को लीड रोल के लिए क्यों चुना?
जवाब:
क्योंकि मैं चाहता था कि ये कहानी किसी जानी-पहचानी एक्ट्रेस की न लगे। जैसे ‘सारांश’ में मेरी कोई इमेज नहीं थी, वैसे ही यहां भी मैं एक नई लड़की को लेना चाहता था। मैं एक्टिंग स्कूल चलाता हूं, जहां मैंने एक मास्टर क्लास में ‘रीबर्थ’ एक्सरसाइज करवाई थी। उसमें शुभांगी का परफॉर्मेंस इतना ऑथेंटिक था कि लगा यह सच में मां की कोख में है। उसकी आंखों में कुछ नहीं था – और ‘कुछ नहीं’ को पेश करना सबसे मुश्किल होता है।

फिर हमने उसे 6 महीने अलग-अलग इम्प्रोवाइजेशन एक्सरसाइज करवाई। बिना बताए कि वो लीड रोल कर रही है। सबसे खास बात ये थी कि वह कभी भी देर नहीं करती थी। रात को 11 बजे भी बोलो, तो 11:30 तक ऑडिशन भेज देती थी। बाद में हमने उसे बताया कि वह लीड रोल निभा रही है। फिर उससे कहा गया कि सोशल मीडिया से दूरी बना ले ताकि जब वह स्क्रीन पर दिखे तो पूरी तरह से एक सरप्राइज हो। यही मेरा उद्देश्य था।

सवाल: फिल्म की बाकी कास्टिंग कैसे की गई?
जवाब:
मैं चाहता था कि तन्वी के पापा का रोल करण करें। अरविंद स्वामी को मैंने शुरू से इस फिल्म के लिए सोच रखा था। बमन ईरानी राजा साहब (म्यूजिक टीचर) के रोल में थे, वह भी मेरी पहली पसंद थे। जैकी श्रॉफ जी को मैंने फिल्म का एक गाना सुनाया और वह रो पड़े। बोले – “मुझे इस फिल्म का हिस्सा बनना है।” फिर उनके लिए एक किरदार लिखा गया। इयान ग्लेन जो ‘Game of Thrones’ में थे, उन्होंने एक मजबूत किरदार निभाया है। पल्लवी जी तन्वी की मां के रोल में हैं। सबसे खास बात यह है जब मुझे फाइनेंशियल प्रॉब्लम हुई तो इन चारों ने बिना फीस के काम किया। उन्होंने कहा – “हमने कुछ मांगा ही नहीं है।” ये सिर्फ कलाकार नहीं, दिल से जुड़े इंसान हैं। ये फिल्म अच्छे इंसानों की टीम से बनी है।

सवाल:  आपको पहली फिल्म ‘सारांश’ से काफी तारीफ मिली। क्या वह आपकी जर्नी को और मुश्किल बना गई?
जवाब:
बिलकुल। ‘सारांश’ ने मेरी जड़ें इतनी मजबूत कर दीं कि मैं 40 साल तक सर्वाइव कर सका। लेकिन हां, जब डेब्यू से ही लोग आपको बेस्ट कह देते हैं तो उसके ऊपर जाना चैलेंजिंग होता है। मैंने हमेशा काम से काम लिया। सुबह उठो, तैयार हो जाओ, शूट पर जाओ। मेहनत से ही सफर तय किया है। पांच सौ से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और उनमे कई फिल्में हैं जिन पर मुझे गर्व है। पर ‘सारांश’ जैसा अनुभव दोबारा नहीं हुआ। शुभांगी के लिए भी ‘तन्वी द ग्रेट’ वैसी ही फिल्म है – उसकी सारांश।

सवाल: आज जब आप पीछे मुड़कर देखते हैं तो कौन-सी उपलब्धि सबसे खास लगती है? 
जवाब:
सच कहूं तो मैं पीछे देखता नहीं हूं। हां, गर्व जरूर होता है कि ये सब पाया। लेकिन मैं इन उपलब्धियों को अपने कंधों पर बोझ बनाकर नहीं ढोता। अगर ऐसा करता तो शायद ‘तन्वी द ग्रेट’ जैसी कहानी कह ही नहीं पाता। मैं हमेशा भविष्य की ओर देखता हूं। अभी भी चाहता हूं कि ये दुनिया की सबसे बेहतरीन फिल्म बने। क्योंकि इसमें सिर्फ मेहनत नहीं, आत्मा लगी है।

सवाल: अब आगे की क्या योजना है? अभी भी कोई ख्वाहिश बाकी है?
जवाब:  
बहुत कुछ बाकी है। मैं खुद को बहुत गंभीरता से नहीं लेता, लेकिन अपने काम को बहुत गंभीरता से लेता हूं। मैं बहुत एंबिशियस हूं। ‘तन्वी द ग्रेट’ के म्यूजिक से लेकर इसकी स्क्रिप्ट, एक्टिंग तक – सब पर बहुत मेहनत हुई है। कौसर मुनीर जी ने गाने लिखे हैं, जो वाकई अद्भुत हैं। एक गाना रिलीज हो चुका है, दूसरा आज आ रहा है। ये फिल्म सिर्फ इंडिया की नहीं है यह इंडिया से दुनिया के लिए है।


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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