जानिए, कैसे जूते बिगाड़ सकते हैं आपकी किस्मत

punjabkesari.in Sunday, Jan 31, 2021 - 04:56 PM (IST)

ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति की पहचान यानि कि उसके चरित्र की पहचान कपड़ों से लगाई जा सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि, इंसान के जूतों से भी उसके बारे में पता लगाया जा सकता है। जी हां, जहां ज्योतिष शास्त्र में इसके बारे में विस्तार से कहा गया है तो वहीं वास्तु में भी व्यक्ति के जूतों के बारे में बताया गया है। तो आज हम आपको व्यक्ति के जीवन में आने वाली आर्थिक और कार्यक्षेत्र से संबंधित समस्याएं पैदा होती हैं, उसके बारे में जानकारी देगें।
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वास्तु के हिसाब से कभी भी उपहार में मिले हुए जूते नहीं पहनने चाहिए। उपहार में मिले जूते पहनने से शनिदेव कार्य मे बाधाएं डालते हैं। वैसे तो जूते न किसी से उपहार में लेने चाहिए और न ही देने चाहिए।

कई बार मंदिर और कीर्तन आदि स्थानों से जूते अथवा चप्पल की चोरी जाती हैं। चोरी करने वाले ध्यान रखें कि चोरी के जूते चप्पल पहनने से वह अपने स्वास्थ्य और धन का विनाश कर रहा है। वहीं वास्तु के हिसाब से चुरी की गई कोई भी वस्तु घर में लाने से कलह पड़ता है।  

वास्तु शास्त्र के अनुसार उधड़े हुए अथवा फटे जूते पहनकर नौकरी ढूंढने अथवा महत्वपूर्ण कार्य के लिए न जाए, असफलता मिलती है।
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वास्तु के मुताबिक ऑफिस या कार्यक्षेत्र में भूरे रंग के जूते पहनकर जाने से व्यक्ति के कार्यों में अक्सर बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

चिकित्सा और लोहे से संबंधित व्यक्तियों को कभी भी सफेद जूते नहीं पहननी चाहिए। वास्तु के हिसाब जल से संबंधित और आयुर्वेदिक कार्यों से जुड़े लोगों को नीले रंग के जूते नहीं पहनने चाहिए।

अपने जूते अथवा चप्पल की पॉलिश और चमक सदैव बनी रहनी चाहिए। यह आपके व्यक्तित्व का प्रभाव दूसरे लोगों पर छोड़ती है। ज्योतिष और वास्तु में जूते-चप्पल शनि राहु के कारक हैं। जब भी हम अपने बेडरूम में जूते रखते हैं तो पति-पत्नी के बीच का लगाव एवं सम्मान धीरे-धीरे कम होता जाता है।
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जूते पहनकर भोजन करने से शरीर में धीरे-धीरे नकारात्मकता आ जाती है और शरीर की पवित्रता भंग हो जाती है। रसोई में महिलाएं अक्सर काम करती हैं। रसोई के लिए अलग से प्लास्टिक चप्पल या कपड़े के जूते प्रयोग कर सकती हैं।  ये जूते-चप्पल केवल रसोई में ही प्रयोग करें।

वास्तु के अनुसार जूते-चप्पल निकालने के लिए शुभ स्थान दक्षिण,  दक्षिण-पश्चिम , उत्तर-पश्चिम अथवा पश्चिम दिशा ठीक मानी गई है। इन दिशा में उचित स्थान पर शू रैक बनाकर जूतों को उसमें ढक कर रखें।


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