सबसे छोटा दिन-लंबी रात आज,1700 वर्ष पूर्व इस दिन मनाते थे ''मकर संक्रान्ति''

punjabkesari.in Friday, Dec 22, 2017 - 09:14 AM (IST)

दिसम्बर महीने की 22 तारीख को सूर्य के मकर रेखा पर लम्बवत होने के चलते उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी। इसे विंटर सोल्‍टाइस अथवा दिसंबर दक्षिणायन भी कहते हैं। दिन की अवधि 10 घंटे 41 मिनट तथा रात की 13 घंटे 19 मिनट की होगी। आज के बाद से बढ़ेगा ठंड का प्रकोप। 


शासकीय जीवाजी वेधशाला उज्जैन के अधीक्षक डा. राजेन्द्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि 22 दिसम्बर के बाद सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तथा सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होनी प्रारम्भ हो जाती है। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े और रातें छोटी होने लगेंगी। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष 21 मार्च, 2018 को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत होगा और इस दिन दिन-रात बराबर होंगे।


खगोल शास्त्री कहते हैं इस समय पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेईस डिग्री झुकी हुई है। आज का दिन 'वास्तविक संक्राति' भी कहलाता है। कहते हैं लगभग 1700 वर्ष पूर्व आज के ही दिन 'मकर संक्रान्ति' का पर्व मनाए जाने का विधान था। वर्तमान समय में 14 जनवरी को यह पर्व मनाया जाता है।


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