Solar Eclipse 2025: खतरनाक है 2025 का पहला सूर्य ग्रहण, मीन राशि पर ऐसा होगा असर

punjabkesari.in Wednesday, Jan 08, 2025 - 12:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Solar Eclipse 2025: आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की।  2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है पूरी दुनिया के ऊपर। सूर्य ग्रहण 29 मार्च सुबह 8.50 मिनट पर शुरू होगा और 10.47 पर यह पीक पर होगा और 12.43 मिनट पर यह पीक पर होगा। यह लगभग 4 घंटे का ग्रहण है। उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया में वेस्ट अफ्रीका में और बाकी जो दूसरा कॉन्टिनेंट है कनाडा में इसका प्रभाव नजर आ सकता है।  भारत में इसका प्रभाव नजर नहीं आएगा लिहाजा भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण शुरू होगा दोपहर 2:20 पर 06:01 पर तक शाम तक चलेगा। चूंकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए सूतक नहीं लगेगा, मंदिरों के कपाट बंद नहीं।

ग्रहण लग रहा है मीन राशि में उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा। भारत का जो नॉर्थ पार्ट है जो क्योंकि मीन राशि नॉर्थ दिशा को रिप्रेजेंट करती है। नॉर्दर्न पार्ट ऑफ इंडिया या नॉर्दर्न पार्ट ऑफ वर्ल्ड डिस्टर्ब हो सकता है। नेपाल, रेगिस्तान, फ्रांस, वेस्टर्न यूरोप डिस्टर्ब हो सकता है। यहां पर मीन राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में जब ग्रहण लगेगा तो ग्रहण के प्रभाव में सूर्य, बुध भी रहेंगे। सूर्य का तो ग्रहण लग रहा है, बुध भी ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे। शनि यहां पर है ग्रहण के प्रभाव में नजर नहीं आते लेकिन डिग्री के हिसाब से शनि भी ग्रहण के प्रभाव में है। 29 मार्च रात को शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है और सूर्य जहां पर बैठे हुए हैं वो शनि को अस्त कर रहे हैं इसलिए शनि भी डिग्री के लिहाज से ग्रहण के प्रभाव में है। ग्रहण के दौरान शनि अस्त रहेंगे, बुध अस्त रहेंगे चंद्रमा भी साथ रहेंगे तो चंद्रमा भी अस्त है। इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रहण के समय वक्री भी है, जब इतने सारे ग्रहण एक साथ वक्री भी हो जाते हैं अस्त भी हो जाते हैं ग्रहण की भी स्थिति है तो निश्चित तौर पर यह दुनिया भर के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 19 दिसंबर 2019 को एक ग्रहण लगा था सूर्य को और उस ग्रहण के दौरान छह ग्रह सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आ गए थे। खास बात यह है कि उस समय गुरु भी ग्रहण के प्रभाव में थे, इस समय गुरु ग्रहण के प्रभाव में नहीं है गुरु थोड़े से बाहर नजर आ रहे हैं लेकिन गुरु पीड़ित हो जाएंगे। जब इस तरह के ग्रहण लगते हैं तो बहुत बड़े नेचुरल डिजास्टर की आशंका रहती है।

शास्त्र कहता है कि ग्रहण का प्रभाव अगले कम से कम 45 दिन के लिए रहता है लेकिन कुछ जगह पर यदि हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं तो यह भी कहा गया है कि ग्रहण का प्रभाव एक ग्रहण से अगले ग्रहण तक रहता है, तो ग्रहण का प्रभाव डिपेंड करता है। मीन राशि में जब ग्रहण लगेगा तो सूर्य का गोचर यहां पर हो रहा होगा। मीन राशि में 14 अप्रैल को सूर्य राशि परिवर्तन कर जाएंगे। 14 अप्रैल को सूर्य आगे निकल जाएंगे ग्रहण के प्रभाव से निकल जाएंगे। सूर्य मेष में राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे लेकिन बुध यहीं पर रहेंगे। बुध राहु-केतु एक्सिस में भी रहेंगे और 7 मई को राशि बदलेंगे। उसके बाद राहु गोचर करेंगे, राहु और शनि की युति टूट जाएगी। शुक्र 31 मई को राशि परिवर्तन करेंगे फिर यह मीन राशि को थोड़ी सी राहत मिलेगी। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक यह दो महीने का समय सारी राशियों के लिए सेंसिटिव है। कुछ लोगों के लिए सूर्य का ग्रहण अच्छा रहेगा वहीं कुछ लोगों के लिए सूर्य ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। जब भी सूर्य के प्रकाश को धरती पर आने में किसी बाधा का सामना करना पड़ता है। तब किसी न किसी तरह से ग्रहण लगता है और इसका प्रभाव प्रकृति, इंसान और जानवरों सभी पर देखने को मिलता है। भारत में ग्रहण नहीं लगेगा लेकिन आपकी कुंडली में कोई न कोई ग्रह का भाव ऐसा होगा जो ग्रहण के प्रभाव में आ जाएगा। जहां पर छह ग्रह आ जाएंगे। आपकी कुंडली यदि मीश लगन की है, तो 12वां भाव प्रभाव में आ जाएगा और यदि कन्या लग्न की है, तो सातवां भाव प्रभाव में आ जाएगा।

मीन राशि में ही ग्रहण लग रहा है। मीन राशि यहां पर है और शनि भी यहां पर आ जाएंगे। छह आपके लिए ग्रहण के प्रभाव में हैं। मीन राशि के जिन जातकों की उम्र 30 से 50 साल के बीच है। वह इस समय शुक्र की दशा से गुजर रहे हैं। यहां पर आकर शुक्र उच्च के हो जाते हैं। शुक्र आपके लिए अष्टमेश, शेश और 12वें भाव के स्वामी है। यह तीनों ही आपकी ही ग्रह के प्रभाव में आपकी राशि में आकर बैठ जाएंगे। तीनों ही ग्रह खराब है और यह तीनों ही  ग्रह के प्रभाव में आपकी राशि में आकर बैठ जाएंगे। यह स्थिति अच्छी नहीं है।  
मानसिक और शारीरिक तौर पर आपको खास ध्यान रखना पड़ेगा। यह प्रभाव सीधे तौर पर आपके सप्तम के ऊपर रहेगा। यह आपके पार्टनर का भाव है। यहां पर आपकी और आपके पार्टनर की सेहत को लेकर दिक्कत हो सकती है। 30 से 50 साल के बीच के लोग महादशा नाथ ग्रहण के प्रभाव में है। शुक्र आपके लिए महादशा नाथ बनते हैं। तो कोशिश करें कि शुक्र और सूर्य से जुड़े रेमेडी जरूर करें।

सूर्य हेल्थ के कारक होते हैं। यहां पर अपनी लगन की रेमेडी जरूर करें। यहां पर आपके लिए एक और दिक्कत हो सकती है। दिक्कत का कारण पंचमेश पंचम भाव के स्वामी कुंडली का दूसरा सबसे शुभ स्थान होता है और ग्रहण के प्रभाव में चला गया है। पंचम बुद्धि-विवेक का भाव होते है। इस अवधि में कोई भी फैसला लेने से पहले एक बार किसी अनुभवी व्यक्ति की सलाह जरूर लें। भाग्य स्थान का स्वामी ग्रहण के प्रभाव में नहीं हैं। गुरु की दृष्टि भाग्य स्थान के ऊपर है, तो यहां पर गुरु डिफेंड करने का काम जरूर करेंगे। लेकिन गुरु खुद केतु से प्रभावित हो जाएंगे। यहां पर शनि आ जाएंगे। तीसरी दृष्टि के लिहाज से आपको यहां पर दिक्कत हो सकती है।      

सूर्य देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय-
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
सूर्य देव से जुड़ा दान दें।
यदि आपका लग्न धनु है या मीन है तो गुरु की रेमेडी जरूर करें।  


नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Sarita Thapa

Related News