Akshaya Tritiya 2025: 29 या 30 अप्रैल जानें, कब मनाया जाएगा अक्षय तृतीया का पर्व
punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 01:25 PM (IST)

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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से संपत्ति, समृद्धि और शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए माना जाता है। इसे अक्षय तृतीया इसलिए कहते हैं क्योंकि इस दिन की महिमा अडिग और अक्षय मानी जाती है। इसका शाब्दिक अर्थ है अक्षय यानी जो कभी समाप्त न हो। इस दिन किए गए सभी शुभ कार्यों का पुण्य कभी नष्ट नहीं होता। हर साल यह पर्व विशेष रूप से वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, और 2025 में यह पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया का महत्व:
अक्षय तृतीया का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपरा में एक विशेष स्थान रखता है। इसे अक्सर सर्वश्रेष्ठ तिथि के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन विशेष रूप से व्यापार, खरीदारी, विवाह, घर निर्माण, सोने या चांदी की खरीदारी और धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इसके अलावा, यह दिन महाभारत के समय से भी जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को अक्षय पात्र दिया था, जो उन्हें कभी भी भोजन की कमी का सामना नहीं करने देता था। अक्षय तृतीया को विशेष रूप से स्वर्ण व आभूषण खरीदने का भी महत्व है। इसलिए इस दिन का पर्व व्यापारी वर्ग के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसके अलावा, यह दिन तप, साधना और ध्यान की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है।
Akshaya Tritiya Shubh Muhurat अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल को शाम 5 बजकर 31 मिनट पर शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत होगी और अगले दिन 30 अप्रैल को दोपहर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार 30 अप्रैल को यह पर्व मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया पर क्या करें और क्या न करें:
धार्मिक कार्य करें: अक्षय तृतीया के दिन पूजा, ध्यान और भिक्षाटन का महत्व है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। पूजा में तांबे का कलश, अक्षत, फूल, चंदन, और फल अर्पित करना चाहिए।
सोने और चांदी की खरीदारी करें: यह दिन सोने और चांदी की खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। यदि आप किसी खास आभूषण या संपत्ति की योजना बना रहे हैं तो यह दिन उस काम के लिए सबसे उत्तम रहेगा।
नई शुरुआत करें: व्यापार, नौकरी, या किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए अक्षय तृतीया का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन किए गए कार्यों का प्रभाव स्थायी और शुभ रहता है।
दान करें: इस दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन दान करना पुण्यदायक माना जाता है।
क्या न करें:
इस दिन झूठ बोलने या किसी के साथ विवाद करने से बचना चाहिए।
नकारात्मक सोच और कार्यों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इस दिन का शुभ प्रभाव केवल सकारात्मक कार्यों के माध्यम से ही बढ़ता है।
व्यर्थ की किसी भी प्रकार की बहस या लड़ाई से बचें।