Sidh Shri Baba Sodal Mela Jalandhar Punjab: बाबा सोडल मेले पर बजवाएं बैंड-बाजा और पूरी कर लें अपनी हर कामना
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 02:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Baba Sodal Mela Punjab 2025: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सोढल मेला लगता है। इस दिन लोग बाबा जी की कृपा के लिए बड़े हर्षोल्लास से पूजा करते हैं। बाजे बजाना इस दिन को उत्सव जैसा बना देता है, ताकि वातावरण आनंदमय और पवित्र हो। बाबा सोडल जी के दरबार और मेले में बाजे बजाने की परंपरा बहुत प्राचीन है। इसका कारण केवल धार्मिक नहीं बल्कि आस्था और लोक परंपरा से भी जुड़ा है। बाबा सोडल पर बाजे बजाना केवल संगीत नहीं है बल्कि आस्था, आनंद और भक्ति का प्रतीक है। इसे बाबा सोडल जी को खुश करने का विशेष उपाय माना जाता है।
बाबा सोढल पर बाजे बजाने के कारण
बाल स्वरूप की पूजा
बाबा सोडल को हमेशा बालक रूप में पूजा जाता है जैसे बच्चे के जन्म या खुशी पर घर-घर में ढोल-नगाड़े, शहनाई या बाजे बजाए जाते हैं, वैसे ही बाबा सोडल जी की पूजा में भी बाजे बजाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है।
बाबा सोढल की लोक परंपरा
जालंधर और पंजाब की परंपराओं में धार्मिक अवसरों पर बाजा बजाना शुभ माना जाता है। यह बाबा जी को आमंत्रण देने और उनकी महिमा का गुणगान करने का प्रतीक है।
बाबा सोढल की कृपा प्राप्ति
मान्यता है कि जो श्रद्धालु बाजा बजवाकर या बाजा चढ़ाकर बाबा जी का स्मरण करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। खासतौर पर बच्चे की लंबी आयु और घर की समृद्धि के लिए बाजा बजाने की परंपरा बहुत प्रचलित है।
बाबा सोढल पर बाजा चढ़ाना
बाबा सोढल पर बाजा चढ़ाने की परंपरा जालंधर और आसपास के क्षेत्रों में बहुत मान्य और आस्था से जुड़ी हुई है। यह केवल एक लोकरीति नहीं, बल्कि बाबा जी की पूजा का विशेष हिस्सा माना जाता है। बाजा (ढोल, नगाड़ा, बैंड आदि) स्वयं बजाते हुए हर वर्ग और आयु के लोग मेले में देखे जा सकते हैं। बाजा बजाने वाले कलाकार भी मेले में मिल जाते हैं। जो नव विवाहित जोड़ो अथवा छोटे बच्चों को बाबा सोडल मंदिर तक ढोल, नगाड़ा, बैंड बजाते हुए लेकर जाते हैं। बहुत से भक्त प्रतीकात्मक रूप से छोटा बाजा भी मंदिर में अर्पित करते हैं।
बाबा सोडल पर बाजा चढ़ाने का महत्व
मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे भाव से बाबा सोढल के दरबार में बाजा चढ़ाता अथवा बजवाता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। बाजा बाबा सोडल की कृपा को आकर्षित करने का एक माध्यम माना जाता है। कहते हैं आशीर्वाद का प्रतीक है बाजा। संतान सुख की प्राप्ति और बच्चों की सुरक्षा हेतु बाजा चढ़ाना शुभ है। बाजा चढ़ाने से घर-परिवार में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है।